CM हेमंत के प्रयासों से सरकारी छात्रवृत्ति पर इंग्लैंड व आयरलैंड में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे 6 आदिवासी छात्र

9/22/2021 1:30:08 PM

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयासों से राज्य के आदिवासी छात्रों का विदेश में शिक्षा लेने का सपना सच होने के कगार पर है क्योंकि सरकारी छात्रवृत्ति पर इंग्लैंड और आयरलैंड में उच्च शिक्षा ग्रहण करने छह आदिवासी छात्रों का पहला समूह इंग्लैंड जाने को तैयार है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए किया गया है। ये सभी इंग्लैंड और आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। बृहस्पतिवार 23 सितंबर को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और मंत्री चंपई सोरेन मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित छात्रों एवं उनके माता-पिता को सम्मानित करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में उच्चस्तरीय शिक्षा (मास्टर डिग्री, एम फिल) के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी। इसके लिए प्रति वर्ष झारखण्ड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा।

इस कड़ी में पहली बार 6 छात्रों का चयन स्कॉलरशिप के लिए किया गया है जो सितंबर महीने में उच्च शिक्षा हासिल करने इंग्लैंड की 5 विभिन्न विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर 2020 को सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई थी। वहीं सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर 2020 को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना का विधिवत उद्घाटन किया था। जिसके पश्चात 7 मार्च को छात्रवृत्ति योजना के योग्य लाभुकों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

आवेदन प्राप्ति के बाद इस योजना के लिए इस वर्ष 6 छात्रों का चयन किया गया है। छात्रवृत्ति योजना के लिए चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएन्टल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एमए की पढ़ाई करने जा रहे हैं। अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में एमए की पढ़ाई करेंगे। आकांक्षा मेरी का चयन लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में एमएससी के लिए हुआ है। दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में एमएससी की पढ़ाई करेंगे। 

इसके अतिरिक्त अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में एमएससी तथा प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए की पढ़ाई के लिए चयनित हुई हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए चयनित एक छात्र हरक्यूलिस का कहना है कि आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद सरकार का सराहनीय कदम है। इससे आदिवासी समाज के अन्य छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। हरक्यूलिस का कहना है कि जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना ट्राइबल बुद्दिजीवियों एवं स्कॉलर्स के लिए वैश्विक मंच साझा करने का एक जरिया बनेगा। उसने कहा, ‘‘मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे ऐसे लोगों की श्रेणी में आने का मौका मिलेगा जो अपने अपने क्षेत्र में दक्षता रखते हैं।''

छात्रा आकांक्षा कहती हैं कि स्कॉलरशिप के पहले बैच में चयनित होना उनके लिए बेहद ही खुशी का मौका है। वह सरकार की शुक्रगुजार हैं जिन्होंने इस तरह की पहल की सोची तथा छात्रों को जीवन में बेहतर से बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए यह एक बेहतरीन अवसर है जब हमें वैश्विक मंच पर अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेकता में एकता के असल मायने को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।'' गुमला जिला की रहने वाली अंजना प्रतिमा डुंगडुंग ने कहा कि उन्हें मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम के पहले बैच का हिस्सा होने पर खुशी है। सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रओं को स्कॉलरशिप के माध्यम से उच्च शिक्षा में मदद देना एक बेहद ही महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ आदिवासी छात्रों को अपने टैलेंट को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा, बल्कि अपने आस-पास के अन्य लोगों के लिए भी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने का रास्ता खुलेगा। 

Content Writer

Diksha kanojia