Surya Dev Remedies: रविवार के दिन ऐसे करें सूर्य देव की उपासना, होगी आपकी तरक्की

5/21/2023 11:45:11 AM

Surya Dev Remedies: रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार कुंडली में सूर्य शुभ स्थान पर होने पर व्यक्ति का भाग्योदय होता है। सूर्य ग्रहों का राजा है, अतः इनकी आराधना करने से कुंडली में स्थित बाकी ग्रहों की स्थिति भी मजबूत हो जाती है। सूर्य की उपासना के बिना किसी का कल्याण संभव नहीं है,भले ही अमरत्व प्राप्त करने वाले देवता ही क्यों न हों। वहीं सूर्य देव को प्रसन्न करने के ये मंत्र अत्यंत चमत्कारी और दिव्य फलदायी हैं। 



रविवार के दिन करें इन चीजों का दान
ॐ हृां मित्राय नम: अगर आप अच्छी सेहत पाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाए, तो आप सूर्य देव के पहले मंत्र का जाप उन्हें अर्घ देते समय नियमित रूप से करें। ग्रंथों के अनुसार हफ्ते भर में सूर्य को दिए जल से कई गुना ज्यादा पुण्य रविवार के दिन सूर्य को अर्पित करने से मिलता है। इस दिन कुछ उपायों को करने से जीवन में सुख-शांति, आरोग्य एवं यश-कीर्ति मिलती है। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें। अपनी श्रद्धा अनुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। इससे कुंडली में सूर्य के दोष दूर हो जाते हैं एवं धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। 



वाल्मीकि रामायण के अनुसार “आदित्य हृदय स्तोत्र” अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति हेतु दिया गया था। विशेष रूप से रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र निवारण है। इसके नियमित पाठ से मानसिक कष्ट, हृदय रोग, तनाव, शत्रु कष्ट और असफलताओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। इस स्तोत्र में सूर्य देव की निष्ठापूर्वक उपासना करते हुए उनसे विजयी मार्ग पर ले जाने का अनुरोध है। आदित्य हृदय स्तोत्र सभी प्रकार के पापों, कष्टों और शत्रुओं से मुक्ति कराने वाला, सर्व कल्याणकारी, आयु, ऊर्जा और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अति मंगलकारी विजय स्तोत्र है।



प्रातःकाल नहाकर उगते हुए सूर्य को दें जल
प्रातःकाल नहाकर उगते हुए सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, चावल, लाल फूल और कुश डालकर प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच लाकर सूर्य मंत्र का जप करते हुए जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर लाल पुष्प अर्पित करने चाहिए। सूरज नारायण को प्रातः अर्घ्य देकर नमस्कार करने से आयु, आरोग्य, धन-धान्य, क्षेत्र, पुत्र, मित्र, तेज, वीर्य, यश, कांति, विद्या, वैभव और सौभाग्य आदि प्राप्त होता है एवं सूर्यलोक की प्राप्ति होती हैं।


 

Content Editor

Swati Sharma