प्रशांत किशोर ने कहा- हम जन सुराज के नेता नहीं, बल्कि इसके सूत्रधार हैं, पैदल चलकर सही लोगों को ढूंढ़कर निकाल रहें

2/3/2023 10:57:15 AM

गोपालगंज(अभिषेक कुमार सिंह): जन सुराज पदयात्रा के 124वें दिन गोपालगंज के गांधी कॉलेज मैदान में जन सुराज अभियान के गोपालगंज जिले का अधिवेशन हुआ। इसके बाद प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी एक ही महत्वाकांक्षा है कि अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देख सकूं। साथ ही कहा कि हम जन सुराज के नेता नहीं है, बल्कि इसके सूत्रधार है।

मैं जन सुराज का नेता नहीं, इसका सूत्रधार हूं: प्रशांत 
जन सुराज अधिवेशन में आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत ने कहा कि हम जन सुराज के नेता नहीं है, बल्कि इसके सूत्रधार है। गांव, देहात, पंचायत, क़स्बा शहर से पैदल चलकर सही लोगों को ढूंढ़कर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पीछे चलने वालों को नहीं बल्कि बराबरी में साथ चलने वाले लोगों को ढूंढ़ रहें है। बिहार में जब पदयात्रा खत्म होगी तब सभी लोगों को एक मंच पर बैठाकर मिलकर ये तय करेंगे कि दल बनाया जाएं की नहीं। लेकिन अगर दल बना तो वह प्रशांत किशोर का नहीं, किसी एक व्यक्ति, जाति, परिवार का नहीं बल्कि उन सारे लोगों का दल होगा जो इसे मिलकर चलाएंगे। आपके विश्वास के साथ धोखा नहीं होगा, मैं इसका गारंटर हूं, आप इस मुहिम पर यकीन कीजिए। 

"चंपारण में 45 हजार लोग जन सुराज के संस्थापक सदस्य बनेंगे"
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सोचा था जन सुराज में 10 हजार अच्छे लोगों को जोड़कर दल बनाया जाए। लेकिन मौजूदा समय में देखें तो यह संख्या 1 लाख हो गई है। पश्चिम चंपारण में ही ये संख्या 45 हजार से ज्यादा हो गई है जो जन सुराज के संस्थापक सदस्य बन गए हैं। आज पूर्वी चंपारण में पदयात्रा खत्म होने के बाद संस्थापक सदस्यों की संख्या 50-55 हजार हो गई है। आने वाले समय में आप देखिएगा गोपालगंज में संस्थापक सदस्यों की संख्या 3 महीने के अंदर 25 हजार से कम नहीं होगी। 

अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देखेंः पीके
पीके ने कहा कि लोग अगर चाहते तो पार्टी एक दिन में बन जाती, पार्टी बनाने में कितना समय लगता है? मैं बाकी की तरह दल न बनाकर पैदल चल रहा हूं। आप पूछेंगे इससे क्या होगा? हम आपको बताते हैं कि हम पैदल इसलिए चल रहे हैं, ताकि देख सके कि स्कूल में आपके बच्चें पढ़ रहे हैं कि नहीं। इसलिए गांव-गांव जाकर लोगों के सामने हाथ जोड़ रहे हैं ताकि आप जागरूक हो और अपने बच्चों के लिए एक बेहतर बिहार के बारे में सोच सके। हमारा एक ही सपना है कि अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देखें। हमारा प्रयास है कि समाज को मथकर सही लोगों को बाहर निकालकर एक मंच पर लाना।

Content Editor

Swati Sharma