ऊंची जाति के गरीबों के लिए आरक्षण में आय की सीमा यथावत रखना सराहनीयः सुशील मोदी
1/4/2022 10:00:07 AM
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ऊंची जाति के गरीब लोगों को आरक्षण देने के लिए तय की गई आय की सीमा को यथावत रखने का केंद्र सरकार का फैसला सराहनीय है।
सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि ऊंची जाति के गरीबों (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण देने के लिए 8 लाख रुपए वार्षिक पारिवारिक आय की जो सीमा तय की गई थी, उसे यथावत रखने का केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे नीट-पीजी में दाखिले को लेकर गतिरोध दूर होगा और आगे आने वाली नियुक्तियों के मार्ग प्रशस्त होंगे। उन्होंने कहा कि यह सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए बड़ा न्यू इयर गिफ्ट है।
Koo Appऊंची जाति के गरीबों (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण देने के लिए 8 लाख रुपये वार्षिक पारिवारिक आय की जो सीमा तय की गई थी, उसे यथावत रखने का केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे नीट-पीजी में दाखिले को लेकर गतिरोध दूर होगा और आगे आने वाली नियुक्तियों के मार्ग प्रशस्त होंगे। सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए यह बड़ा न्यू इयर गिफ्ट है।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 3 Jan 2022
Koo Appप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊंची जाति के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए 10 फीसदी आरक्षण पहली बार दिया। नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश से सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की एक कमजोर कोशिश की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कांग्रेस सरकार जिस मुद्दे पर केवल दिखावा कर रही थी, उसे एनडीए सरकार ने संविधान के जरिये सुनिश्चित किया।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 3 Jan 2022
भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊंची जाति के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए 10 फीसदी आरक्षण पहली बार दिया। नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश से सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की एक कमजोर कोशिश की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार जिस मुद्दे पर केवल दिखावा कर रही थी, उसे एनडीए सरकार ने संविधान के जरिए सुनिश्चित किया।
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस कोटा का लाभ देने के लिए आवसीय सम्पत्ति की सीमा शर्त हटा ली है, लेकिन पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि रखने वाले परिवारों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति की ये सिफारिशें मान कर सरकार ने बड़ी राहत दी।