नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासत तेज, कल सभी जिलों में बिहार सरकार का पुतला दहन करेगी BJP

10/5/2022 3:10:10 PM

पटनाः बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य की सियासत गरमाई हुई है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर रोक लगाने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। इसी बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बिहार सरकार पर हमला बोला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कल बिहार सरकार का पुतला दहन करेंगे। 

बिहार सरकार का पुतला दहन करेंगे BJP के कार्यकर्ता 
संजय जायसवाल ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखा कि बिहार नगर निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं लागू कराने, 4600 नगर निकाय उम्मीदवारों का भविष्य खराब करने एवं सभी नगर निकायों को अफसरों के हवाले करने के खिलाफ 6/10/2022 को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर बिहार सरकार का पुतला दहन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता करेंगे। इससे पहले जायसवाल ने बिहार के लोगों के अपील करते हुए कहा कि आज रावण के साथ बिहार सरकार का भी पुतला दहन करें जिनकी मानसिकता के कारण 4600 से ज्यादा नगर निकाय के उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सके हैं। 

अपने जालसाजी में सफल रहे नीतीश और तेजस्वीः जायसवाल 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अपने जालसाजी में सफल रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्होंने उसका पालन नहीं किया। आज सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत पर बिहार सरकार के अफसरों का कब्जा हो गया है। गांव के भी चुनाव स्थगित हुए थे। लेकिन तब हम पूर्ण रूप से सत्ता में थे और इसलिए मुखिया का कार्यकाल सम्राट चौधरी जी ने नीतीश कुमार से झगड़ कर बढ़ा दिया था। पंचायतों के विकास चुनाव तक के लिए पंचायत के प्रतिनिधियों के पास ही रहा।

संजय जायसवल ने आगे कहा कि नगर के चुनाव स्थगित होने तक नीतीश कुमार की मानसिकता प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न देखने की हो गई थी। इसीलिए उन्होंने नगर निगम के प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया। अब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अफसरों के साथ मिलकर नगर चलाएंगे और जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण किसी भी नगर में जनता की बात सुनने वाला कोई नहीं होगा। एक बात जरूर होगा कि अब विकास के बदले कागज पर ही विकास राशि का बंदरबांट अफसर और मंत्रियों के बीच हो जाएगा।


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Content Writer

Ramanjot

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