तेजस्वी यादव ने कहा- इफ्तार पार्टी में नीतीश की मौजूदगी के नहीं निकालें सियासी मायने

4/26/2022 4:29:16 PM

नई दिल्ली/पटनाः राजद की ओर से बुलाई गई इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी के बाद बिहार में नए राजनीतिक समीकरणों को लेकर जारी कयासों के बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद उन सभी ताकतों के खिलाफ अपना जंग जारी रखेगा, जिनका झुकाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर होगा।

हम सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित करते रहे हैंः तेजस्वी 
नीतीश कुमार के दावत-ए-इफ्तार में शामिल होने के बाद जारी सियासी अटकलों और राजद के जनता दल (यूनाइटेड) से फिर जुड़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी दो से भी अधिक दशकों से इफ्तार और मकर संक्रांति यानी दही चूड़ा का आयोजन करती रही है और हम हमेशा सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित करते रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक पारंपरिक आयोजन था और इसका एकमात्र संदेश शांति, सद्भाव, भाईचारा और सौहार्द्र से निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हनमे शुरु से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि इसके बारे में राजनीतिक मायने निकालना उस खास अवसर की महत्ता को कमतर करना होगा।'' 

"विचारधारा में बदलाव का कोई सवाल ही नहीं" 
यह पूछे जाने पर राज्य में सरकार बदलने की कहीं कोई कवायद तो नहीं चल रही है क्योंकि पूर्व में आपने भी कई अवसरों पर कहा है कि नीतीश कुमार भरोसेमंद नहीं है, इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा कि राजद ही एक ऐसी क्षेत्रीय पार्टी है जिसने कभी अपनी विचारधारा, मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी आरएसस, भाजपा और उनके सहयोगियों से प्रत्यक्ष का परोक्ष रूप से हाथ नहीं मिलाया। अल्पकालिक फायदे के लिए सुविधा की विचारधारा के आधार पर हम राय नहीं बनाते। हमने भाजपा, आरएसएस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुनबे से हाथ मिलाने वाले फासीवादी और संविधान-विरोधी ताकतों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए विचारधारा में बदलाव का कोई सवाल ही नहीं होता।''

उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार की दावत में शामिल हुए थे। इस मौके पर नीतीश कुमार, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी और राबड़ी देवी साथ बैठे ओर चर्चा करते नजर आए थे। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी की भावी रणनीति क्या होना चाहिए और क्या भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को विपक्ष की धुरी होनी चाहिए, तेजस्वी ने कहा कि वह वर्ष 2019 से कहते आ रहे हैं कि 200 के करीब सीटों पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लिहाजा उसे इनमें से कम से कम 50 प्रतिशत सीटें जीतना सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे हमेशा से मानना रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक और संयुक्त विपक्ष होना चाहिए और कांग्रेस को भी व्यवहारिक होना चाहिए। जिन राज्यों में विपक्षी दल मजबूत ताकत हैं, वहां उसे पीछे हटना चाहिए ताकि उनकी जीत की संभावना बढ़े।'' उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच हो जिसमें सभी को समाहित किया जाना चाहिए और उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता संविधान की प्रस्तावना पर आधारित होनी चाहिए।

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Ramanjot