सुशील मोदी का बिहार सरकार को सुझाव- पेपर सर्वे के बजाय ई-गणना टेबलेट के माध्यम से हो जातीय गणना
6/5/2022 10:39:52 AM
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरकार को सुझाव दिया कि प्रस्तावित जाति आधारित गणना पेपर सर्वे के बजाय इलोक्ट्रॉनिक सर्वे या ई-सर्वे के माध्यम से कराया जाना चाहिए जिसमें प्रगणक टेबलेट के माध्यम से सारी सुचना एकत्र करेंगे ताकि रियल टाइम आंकड़े अपलोड किए जा सके।
सुशील मोदी ने शनिवार को जारी बयान में बिहार सरकार को सुझाव दिया कि प्रस्तावित जाति आधारित गणना पेपर सर्वे के बजाय इलोक्ट्रोनिक सर्वे या ई-सर्वे के माध्यम से कराया जाना चाहिए जिसमें प्रगणक टेबलेट के माध्यम से सारी सुचना एकत्र करेंगे ताकि रियल टाइम आंकड़े अपलोड किया जा सके। उन्होंने कहा कि साथ ही जनगणना 2022 एवं बिहार की जाति आधारित गणना एक समय में न हो। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘वर्ष 2021 की जनगणना ई. सेन्सस होने जा रही है। उसी तर्ज पर प्रत्येक जिले की जातियों-उप जातियों को कोडिंग कर, ड्रॉप डाउन मेनू के माध्यम से जातीय गणना करने के लिए साफ्टवेयर विकसित किया जाय ताकि मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो सके।''
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्वे केवल आर्थिक और जातीय ही नही बल्कि सामाजिक भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जाति कि स्थिति का आंकलन करने के लिए प्रत्येक परिवार की शिक्षा, दिव्यांगता, ग्रसित बीमारियां, पशु-धन, चल-अचल सम्पत्ति, रोजगार, भूमि की उपलब्धता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े प्रश्नों की सूची तैयार कर पूछा जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि अन्य दलों के दबाव में जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है बल्कि पूरी तैयारी, प्रशिक्षण, मार्गदर्शिका निर्माण, प्रश्न-सूची, सॉफ्टवेयर, टेबलेट की व्यवस्था कर ही सर्वे किया जाना चाहिए।