ब्राह्मण समाज को लेकर मांझी के बयान से सुशील मोदी नाराज, कहा- शब्दों की मर्यादा का रखना चाहिए ध्यान

12/20/2021 4:49:52 PM

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने रविवार को ब्राह्मण समाज को लेकर अपशब्दों को इस्तेमाल किया, जिसके बाद राज्य की सियासत गरमा गई हैं। इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मांझी के इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है।

सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम मांझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े।"

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लालू प्रसाद ने दलितों को पंचायतों में आरक्षण दिये बिना चुनाव कराये थे, जबकि एनडीए सरकार ने एससी-एसटी, पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों को आरक्षण देकर इन समुदायों के लोगों को मुखिया-सरपंच बनने के अवसर दिये। एनडीए ने ही ऊँची जाति के गरीबों को 10 फीसद रिजर्वेशन भी दिया। एनडीए ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और किसी का अपमान न करने की नीति पर काम किया।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 19 Dec 2021
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अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊँची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे। किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 19 Dec 2021

भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में लिखा, "अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे। स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊंची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे। किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है।"


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Ramanjot

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