"राजीव नगर के अतिक्रमण विरोधी अभियान पर यथास्थिति बनाई रखी जाए", पटना HC ने दिया निर्देश

7/7/2022 11:18:20 AM

पटनाः पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को राजीव नगर के नेपाली नगर इलाके के जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान से संबंधित मामले के निपटारे तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।

नेपाली नगर के निवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने पटना के जिलाधिकारी, संबंधित अंचल अधिकारी और बिहार राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक को इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 14 जुलाई को अपने संबंधित वकीलों की सहायता के लिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति कुमार ने चार जुलाई के आदेश के तहत अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक के आलोक में कहा कि इन मामलों के निपटारे तक संबंधित पक्षों द्वारा यथास्थिति बनाई रखी जाए।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील द्वारा यह प्रस्तुत किया गया है कि कई संरचनाएं हैं जिन्हें आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया है और वहां रहने वाले लोगों के परिवार अब भी वहीं रह रहे हैं लेकिन उनके बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं। अदालत ने कहा कि अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह से ध्वस्त नहीं हुए हैं और यदि वे वहां रह रहे हैं तो वे बिजली और पानी के कनेक्शन की बहाली के लिए संबंधित प्राधिकरण से संपर्क साध सकते हैं। अदालत ने कहा कि उचित सत्यापन के बाद संबंधित प्राधिकरण द्वारा बिजली और पानी के कनेक्शन इस शर्त के तहत बहाल किए जाएंगे कि वे किसी भी अधिकार का दावा नहीं करेंगे क्योंकि उनके बिजली और पानी के कनेक्शन इस अदालत के अंतरिम आदेश से बहाल कर दिए गए हैं।

तीन जुलाई को नेपाली नगर इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान स्थानीय निवासियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुईं थी। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे। प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव में नगर पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल और दो अन्य सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे। एक सरकारी अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘नेपाली नगर इलाके में भू माफिया काफी सक्रिय है। उन्होंने (भूमाफिया) पहले नेपाली नगर क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा किया और उसके बाद धोखे से उन्हें खरीदारों को बेचने लगे। उन्होंने कई बार क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने अदालतों का भी दरवाजा खटखटाया था ताकि वे अवैध निर्माण को गिराने से रोक सकें।'' उन्होंने कहा कि इस इलाके को अतिक्रमण मुक्त करने का अदालत का निर्देश था।

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Ramanjot