मंत्री सुधाकर सिंह बोले- APMC एक्ट और मंडी प्रणाली को बहाल किए जाने तक चैन से नहीं बैठेंगे
10/2/2022 12:00:04 PM
पटनाः अपने विभाग में भ्रष्टाचार की बात स्वीकारने वाले बिहार के कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने प्रदेश की पिछली राजग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कृषि विभाग उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम और ‘‘मंडी'' प्रणाली को बहाल नहीं किया जाता है।
"कृषि विभाग में BJP के एजेंडे को जारी नहीं रहने दूंगा"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने 2006 में एपीएमसी अधिनियम और ‘‘मंडी'' व्यवस्था को समाप्त कर दिया था, जब वह राजग में थे। सुधाकर सिंह ने कहा, ‘‘राज्य के कृषि मंत्री होने के नाते, मैं राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भी कृषि विभाग में भाजपा के एजेंडे को जारी नहीं रहने दूंगा। 2006 में एपीएमसी अधिनियम और ‘‘मंडी'' को समाप्त करना एक ऐसा निर्णय था जो किसान विरोधी था। उन्होंने कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार को हमारे गठबंधन सहयोगियों द्वारा मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए।
"मंडी प्रणाली बहाल होने तक चैन से नहीं बैठेंगे"
सुधाकर सिंह ने कहा, ‘‘मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक राज्य में एपीएमसी अधिनियम और ‘‘मंडी'' प्रणाली बहाल नहीं हो जाती।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बनाऊंगा और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री से मिलने का समय मांगा है, ताकि उन्हें इन दोनों कानूनों की बहाली की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह मुझे इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों से मिलने की उम्मीद है और उन्हें बिहार की नई ‘‘उर्वरक नीति'' के बारे में भी अवगत कराएंगे, जिसका मसौदा तैयार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सुधाकर सिंह ने हाल ही में अपने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘हमें नहीं लगता कि बिहार राज्य बीज निगम की बीज को किसान अपने खेतों में लगाता है । डेढ दो सौ करोड रूपये इधर ही खा जाता है बीज निगम वाला। हमारे विभाग में कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता है। इस तरह हम चोरों के सरदार हुए। हम सरदार ही कहलाएंगे न। जब चोरी हो रही है तो हम उसके सरदार हुए।'' सिंह की उक्त टिप्पणी के वायरल हो जाने के कारण बिहार की नवगठित महागठबंधन सरकार की काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी।