रामविलास बोले- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों के साथ कोई भेदभाव नहीं

7/31/2020 10:59:40 AM

नई दिल्ली/पटनाः खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि बिहार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों के साथ कोई भेदभाव अथवा उनकी गलत पहचान नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वहां वास्तविक और जरूरतमंद व्यक्तियों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

बिहार में NFSA लाभार्थियों के साथ कोई भेदभाव नहीं
एनएफएसए के तहत बिहार में लगभग 8.71 करोड़ लाभार्थियों को लिया गया है जिनमें लगभग 25 लाख अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) वाले परिवार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में एनएफएसए राशन कार्ड के मुद्दे के संदर्भ में लाभार्थियों की गलत पहचान की कुछ रिपोर्टें थीं। लेकिन, केंद्र सरकार स्पष्ट करती है कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों की पहचान कुछ मानदंडों के आधार पर की जाती है और यह जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। पासवान ने कहा कि बिहार में एनएफएसए लाभार्थियों के साथ कोई भेदभाव या गलत पहचान नहीं की गई है। मानदंडों के अनुसार लाभार्थियों की पहचान की प्रणाली सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समान है।

सालाना 55.24 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध करा रही केंद्र सरकार
पासवान ने कहा कि मई में, बिहार सरकार ने उनके मंत्रालय (खाद्य मंत्रालय) से राज्य में पूरे के पूरे 8.71 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मुहैया कराने के लिए मासिक खाद्यान्न आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया था जिस अनुरोध पर केंद्र ने तुरंत कार्रवाई की। हालांकि, हाल ही में, केंद्र ने राज्य सरकार से राज्य में लाभार्थियों के कवरेज पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा। पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार एनएफएसए के तहत सालाना 55.24 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है और लगभग 16,500 करोड़ रुपए का खाद्य सब्सिडी बिल का बोझ वहन कर रही है।


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Ramanjot

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