स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा- बिहार में नर्सों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य
6/8/2022 1:34:14 PM
पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाने, चिकित्सकों पर अतिरिक्त बोझ को कम करने एवं सम्मानजनक मातृ देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए नर्सों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
मंगल पांडेय ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाने, चिकित्सकों पर अतिरिक्त बोझ को कम करने एवं सम्मानजनक मातृ देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नर्सों के क्षमतावर्धन पर जोर दे रहा है। इस उद्देश्य के प्राप्ति के लिए राज्य से चयनित पांच स्टाफ नर्स ग्रेड ‘ए' एवं एक ट्यूटर को एनएमटीआई कस्तूरबा कॉलेज ऑफ नर्सिंग, वर्धा, महाराष्ट्र में स्टेट मिडवाइफरी एडुकेटर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण एक जून 2022 से शुरू है, जो अगले 6 महीने तक चलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद ये नर्सें बिहार के अन्य स्टाफ नर्स ग्रेड ‘ए' को नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी (एनपीएम) का प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। यह प्रशिक्षण 18 महीने तक चलेगा। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) स्थित स्टेट मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट में एनपीएम की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी प्रशिक्षण के लिए पहले बैच में 30 स्टाफ नर्स ग्रेड ‘ए' का चयन किया जाएगा। चयन की प्रक्रिया केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मानकों के आधार पर किया जाएगा। प्रथम बैच का प्रशिक्षण खत्म होने के बाद अगले बैच के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऐसे कई बैचों को आगे भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मंगल पांडेय ने कहा कि एनपीएम प्रशिक्षण के बाद ये सभी प्रशिक्षित नर्सें सतत नर्सिंग सेवाएं प्रदान करेंगी। सामान्य प्रसव को प्रोत्साहित करने, बिना जटिलता वाले प्रसव का बेहतर प्रबंधन करने एवं जटिल प्रसव को उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करना शामिल होगा। साथ ही प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसव बाद देखभाल सहित परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाएंगी। इससे राज्य के मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में स्टाफ नर्सों का बेहतर क्षमतावर्द्धन कारगर साबित होगा। सम्मानजनक मातृ देखभाल को सुनिश्चित करना इनकी विशेष जिम्मेवारी होगी।