CM की अध्यक्षता में हुई अनुसूचित जाति और जनजाति समिति की बैठक, नीतीश ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

1/4/2023 6:20:02 PM

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई।

दिवेश सेहरा ने विगत बैठक की कार्यवाही एवं अनुपालन की दी जानकारी
बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव दिवेश सेहरा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विगत बैठक की कार्यवाही एवं अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग), निदेशक अभियोजन, सचिव, विधि विभाग ने भी इस संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। दोष सिद्धि निपटारे के लिए की गई कार्रवाई, पीड़ित व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत एवं पुनर्वास सुविधाओं तथा उनसे जुड़े अन्य मामले, जिलास्तर पर गठित निगरानी एवं अनुश्रवण समिति के कार्यकलापों, विशेष लोक अभियोजकों के कार्यों की समीक्षा, संबंधित पदाधिकारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ अन्य कार्यवाही की भी विस्तृत जानकारी दी गई।

CM ने बैठक में शामिल सभी का किया धन्यवाद
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक शामिल होने के लिए आप सभी को मैं धन्यवाद देता हूं। सभी लोगों ने अपनी बातें रखीं हैं, जिसका एक पक्ष अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत की जा रही कार्यवाही के संबंध में है तो दूसरा पक्ष अनुसूचित जाति / जनजाति के हित में काम किए जा रहे कार्यों को और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं एवं सुझावों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, संबंधित विभागों को अवगत कराए ताकि उस पर तेजी से अमल हो सके। साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में भी जनप्रतिनिधियों को अवगत कराए।

CM ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अधिसूचित कार्यों की समीक्षा करें तथा विशेष अभियान चलाकर लंबित काण्डों का तेजी से अनुसंधान कराकर निर्धारित 60 दिन के अन्दर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कराएं। स्पीडी ट्रायल के लिए विशेष प्रयास करें ताकि समाज के कमजोर वर्ग के सभी व्यक्तियों को ससमय न्याय मिल सके। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जिलों में दर्ज मामलों की समीक्षा करें एवं पीड़ित व्यक्तियों को समय मुआवजा राशि का भुगतान सुनिश्चित कराएं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक संरचनाओं को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए विस्थापित एवं वास-भूमि विहीन परिवारों की पहचान कर उन्हें वास-भूमि उपलब्ध कराने का काम भी जल्द पूरा करें। जिला स्तर पर गठित सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति के कार्यकलापों की भी नियमित समीक्षा करें।

"योग्य विशेष लोक अभियोजकों को दायित्व सौंपे"
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिनियम के तहत दर्ज कांडों के त्वरित निष्पादन हेतु गठित अनन्य विशेष न्यायालयों में दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई हो। योग्य विशेष लोक अभियोजकों को दायित्व सौंपे ताकि वे न्यायालय में बेहतर ढंग से पक्ष रख सकें। गृह विभाग एवं विधि विभाग कनविक्शन रेट में सुधार एवं लंबित मामलों में कमी लाने के लिए नियमित अनुश्रवण करे। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में कनविक्शन रेट और स्पीडी ट्रायल को लेकर लगातार समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिलास्तर पर अत्याचार के पीड़ित / आश्रितों को राहत अनुदान की स्वीकृति तत्काल दी जाए।

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Khushi