बिहार के मुस्लिम बहुल जिलों में तेजी से बढ़ रही है जनसंख्या, संजय जायसवाल ने किया दावा

9/8/2022 12:16:47 PM

पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बुधवार को दावा किया कि राज्य के दो जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर ‘‘दुनिया में सबसे अधिक'' है जिसके लिए उन्होंने आंशिक रूप से कथित तौर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की आमद की उच्च दर को जिम्मेदार ठहराया।

संजय जायसवाल ने दावा किया कि किशनगंज और अररिया ऐसे जिले हैं, जहां जनसंख्या वृद्धि दर केवल ‘‘पाकिस्तान के कबायली क्षेत्रों और इथियोपिया के कुछ हिस्सों'' से मेल खाती थी। 2011 की जनगणना के अनुसार, किशनगंज में 67 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी जो बिहार के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद उसका पड़ोसी जिला अररिया है जहां मुस्लिम आबादी 43 प्रतिशत थी। भाजपा नेता ने अररिया में यह टिप्पणी की, जो इस महीने के अंत में पूर्णिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से जिले के दौरे पर हैं।

बाद में पत्रकारों के संपर्क करने पर जायसवाल ने कहा, ‘‘मैंने तथ्यों को सामने रख यह कहा था, जिसका गृह मंत्री के 23-24 सितंबर के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है।''बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल में भाजपा से अचानक गठबंधन तोड़ राज्य में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस सहित सात दलों के साथ नयी महागठबंधन सरकार बनाए जाने के बाद गृह मंत्री का राज्य का यह पहला दौरा होगा। शाह को व्यापक रूप से उनकी पार्टी का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। शाह के इस दौरे को लेकर कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) इस बात से आशंकित है कि दौरे को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा सकती है।

हालांकि, जायसवाल ने कहा कि वह ‘‘जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता पर जोर दे रहे थे जिसे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में हासिल किया गया है।'' उन्होंने मुसलमानों के परिवार नियोजन को धर्म के विरूद्ध मानने के रुख को उच्च जनसंख्या वृद्धि के लिए दोष देने से भी परहेज करते हुए यह जरूर कहा कि अररिया और किशनगंज में उच्च जनसंख्या वृद्धि के पीछे एक कारण बांग्लादेशी प्रवासियों की आमद है जिसे लोग स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे पार्टी सहयोगियों के विपरीत जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून की मांग नहीं की पर यह जरूर कहा कि कम बच्चे पैदा करने वालों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।''

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Ramanjot