पूर्णिया में मानवता शर्मसार: शव वाहन नहीं मिला, मजबूर परिजन ने बाइक पर 10 KM तक ढोया बेटे का शव

Monday, Jun 16, 2025-08:22 PM (IST)

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अस्पताल की लापरवाही और प्रशासन की संवेदनहीनता ने एक परिवार को इस कदर मजबूर कर दिया कि उन्हें अपने बेटे के शव को बाइक पर रखकर 10 किलोमीटर दूर गांव ले जाना पड़ा। मामला जलालगढ़ प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से जुड़ा है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, पीपरपाती नया टोला, वार्ड नंबर-14 निवासी 24 वर्षीय युवक विकास कुमार साह की मौत पनार नदी में डूबने से हो गई थी। शव को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया और तत्काल जलालगढ़ PHC लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन (एम्बुलेंस या शव वैन) की मांग की, लेकिन उन्हें साफ मना कर दिया गया। प्रबंधन का कहना था कि "एम्बुलेंस शव ढोने के लिए नहीं होती।" मजबूरी में परिजन और गांव के युवक शव को बाइक पर रखकर 10 किलोमीटर दूर अपने गांव ले गए। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बाइक पर युवक का शव बांधा हुआ नजर आ रहा है।

इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और जिला स्वास्थ्य प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। जब इस बाबत सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। उन्होंने दावा किया कि परिजनों को शव का पोस्टमार्टम करवाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया कि अगर परिजन कुछ समय इंतजार करते और मांग करते तो शव वाहन की व्यवस्था संभव थी। लेकिन बिना पोस्टमार्टम और बिना इंतजार किए, शव को बाइक पर ले जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं था।

गौरतलब है कि पूर्णिया में यह कोई पहली घटना नहीं है। करीब आठ साल पहले भी एक बेटे ने अपने पिता का शव बाइक पर लादकर सदर अस्पताल से श्रीनगर तक पहुंचाया था। यह दोहराई गई घटना बताती है कि वर्षों बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक उदासीनता में कोई सुधार नहीं हुआ है।


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Ramanjot

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