अग्निपथ के विरोध में रेलवे स्टेशन और पुलिस जीप में लागई आग, पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल

6/18/2022 5:44:10 PM

पटना, 18 जून (भाषा) बिहार में सैन्य भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ लगातार चौथे दिन शनिवार को भी जारी विरोध-प्रदर्शन के तहत प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गये पथराव की घटनाओं में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने बंद समर्थकों को जबरन दुकानें बंद करने से रोका, लेकिन उन्होंने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पथराव किया तथा सड़कों पर पुश-अप (सपाट मारना) करके अपना विरोध दर्ज कराया।

पटना जिले के मसौढी अनुमंडल के तारेगाना रेलवे स्टेशन को बंद समर्थकों ने आग के हवाले कर दिया और राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) की एक जीप में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों ने जीआरपी कर्मियों पर गोलीबारी करने के साथ पथराव किया और उपद्रव को कवर करने वाले पत्रकारों की पिटाई की।

पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के उपमहानिरीक्षक एस मयंक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें अब तक वहां हिंसा में किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है। पुलिस और आरपीएफ मसौढी में काम कर रहे हैं।

दानापुर अनुमंडल में बंद समर्थकों ने तोड़फोड़ की और एक चालक ने आरोप लगाया कि भीड़ ने वाहन के भीतर मौजूद एक मरीज और परिचारकों को भी पीटा।

बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने पटना जंक्शन का दौरा किया और वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

वैशाली जिला के हाजीपुर स्थित ईसीआर मुख्यालय के अनुसार मौजूदा स्थिति को देखते हुए 32 ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।

यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य क्षेत्रों में जाने वाली ट्रेन शनिवार को केवल 20:00 बजे के बाद ईसीआर के माध्यम से चलाई जाएंगी और रविवार को 04:00 बजे तक जारी रहेंगी।

ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसी ट्रेन की आवाजाही रविवार को 20:00 बजे बहाल कर दी जाएगी।

इससे पहले बंद समर्थकों ने जहानाबाद में एक पुलिस चौकी पर हमला किया जिसमें कई कर्मी घायल हो गए।
मुंगेर में हालांकि दुकानें खुली रहीं पर बंद समर्थकों ने पुलिस की भारी मौजूदगी के बीच सड़क पर टायर जलाए।
भाजपा के राज्य मुख्यालय के सामने भारी पुलिस बल तैनात किया गया है क्योंकि प्रदर्शनकारियों द्वारा इसके कई वरिष्ठ नेताओं और उनके आवास और वाहन को निशाना बनाया गया तथा तीन जिलों में इसके कार्यालयों को आग लगा जा चुका है।

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने जो बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता भी हैं, कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि बंद का सामान्य जनजीवन पर नगण्य प्रभाव पड़ा है। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर राज्य भर में शांति कायम है।

बिहार सरकार ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के मुद्दे पर राज्य भर में हुई व्यापक स्तर पर हिंसा की पृष्ठभूमि में 12 जिलों में 19 जून तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।

गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कैमूरए भोजपुरए औरंगाबादए रोहतासए बक्सरए नवादाए पश्चिमी चंपारणए समस्तीपुरए लखीसरायए बेगूसरायए वैशाली और सारण जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने राज्य के कई जिलों में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ राज्य के शहर में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य के कुछ जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है।

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद, प्रदेश में सत्ता में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और विकासशील इंसान पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने बिहार बंद को अपना नैतिक समर्थन दिया है।

भाजपा ने हिंसा के लिए राजद को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, राज्य और केंद्र में भाजपा की सहयोगी, ने योजना की समीक्षा की मांग की है और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों की आशंकाओं को दूर करने का आग्रह किया है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency