बिहार में धर्मांतरण विरोधी कानून की जरुरत नहीं : नीतीश

Wednesday, Jun 08, 2022-06:35 PM (IST)

पटना, आठ जून (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरुरत नहीं है।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान मीडिया में आयी उन खबरों, जिसमें इस तरह के कानून की आवश्यकता बतायी गयी है, के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘‘सरकार यहां हमेशा अलर्ट रही है। और सभी लोग चाहे वे किसी भी धार्मिक समूह के हों शांति से रहते हैं। इसलिए यहां इस तरह के कदम की आवश्यकता नहीं है।’’
समाजवादी आंदोलन के जरिए राजनीति में आए नीतीश के इस बयान को उनकी सहयोगी भाजपा के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे भाजपा नेता धर्मांतरण विरोधी कानून की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं।

जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश और भाजपा के बीच वैचारिक विभाजन भी सामने आया है।

भाजपा के नेता, जिसमें नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के कुछ मंत्री सहित, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के बिहार में घुस आने का आरोप लगाते रहे हैं और उनकी मांग है कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उन्हें राज्य में प्रस्तावित जाति आधारित गणना में शामिल करके उनके प्रवास को वैध न बनाया जाए।

नब्बे के दशक से राजनीतिक साथी होने के बावजूद, नीतीश के अयोध्या, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता, तीन तालक, एनआरसी और जनसंख्या नियंत्रण के लिए विधायी उपायों जैसे मुद्दों पर भाजपा जैसे विचार नहीं रहे हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Related News

static