राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शामिल हुए
10/21/2021 3:32:51 PM
पटना, 21 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शामिल हुए।
कोविंद ने इस मौके पर राज्य के साथ अपने जुड़ाव और सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुने जाने से पहले बिहार में उनके लगभग दो साल लंबे राज्यपाल के कार्यकाल को भी याद किया।
उन्होंने सच्चिदानंद सिन्हा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने बिहार, जो कि पूर्व में कलकत्ता प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था, को राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने दलित नेता दिवंगत जगजीवन राम को भी याद किया।
जगजीवन राम उपप्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे और उन्होंने बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया। बाद में राष्ट्रपति ने ‘‘सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित किया।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के अनुसार स्तंभ लगभग 100 साल पुरानी भव्य इमारत के समान ऊंचाई का होगा और इसके ऊपर बोधिवृक्ष, जिस पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध ने दो सहस्राब्दी पहले ज्ञान प्राप्त किया था, की धातु की प्रतिकृति होगी।
इससे पहले राज्यपाल फागू चौहान ने अपने संबोधन में विधायी निकायों में बहस के मानकों में गिरावट और उत्तेजित सदस्यों द्वारा लगातार व्यवधान पैदा करने पर निराशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि इस प्रदेश के पूर्व राज्यपालों में से एक अब राष्ट्रपति हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि पूर्व राष्ट्रपति डॉ.जाकिर हुसैन बिहार के पहले राज्यपाल थे जो कि उपराष्ट्रपति बने थे लेकिन कोविंद प्रदेश के पहले राज्यपाल हैं जो कि सीधे राष्ट्रपति बने।
उन्होंने कोविंद की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास उनकी बहुत अच्छी यादें हैं और हम लोग हमेशा उन्हें बिहारी मानते हैं।’’
समारोह के कार्यक्रम के अनुसार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पहले कार्यक्रम को संबोधित करना था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुए।
तेजस्वी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने बुधवार को हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति के आगमन पर उनका स्वागत और अभिवादन किया था। कुशेश्वरस्थान में प्रतिबद्धताओं के कारण, जहां उपचुनाव के लिए प्रचार चल रहा है, मैं विधानसभा में समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगा।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कोविंद ने इस मौके पर राज्य के साथ अपने जुड़ाव और सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुने जाने से पहले बिहार में उनके लगभग दो साल लंबे राज्यपाल के कार्यकाल को भी याद किया।
उन्होंने सच्चिदानंद सिन्हा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने बिहार, जो कि पूर्व में कलकत्ता प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था, को राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने दलित नेता दिवंगत जगजीवन राम को भी याद किया।
जगजीवन राम उपप्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे और उन्होंने बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया। बाद में राष्ट्रपति ने ‘‘सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित किया।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के अनुसार स्तंभ लगभग 100 साल पुरानी भव्य इमारत के समान ऊंचाई का होगा और इसके ऊपर बोधिवृक्ष, जिस पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध ने दो सहस्राब्दी पहले ज्ञान प्राप्त किया था, की धातु की प्रतिकृति होगी।
इससे पहले राज्यपाल फागू चौहान ने अपने संबोधन में विधायी निकायों में बहस के मानकों में गिरावट और उत्तेजित सदस्यों द्वारा लगातार व्यवधान पैदा करने पर निराशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि इस प्रदेश के पूर्व राज्यपालों में से एक अब राष्ट्रपति हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि पूर्व राष्ट्रपति डॉ.जाकिर हुसैन बिहार के पहले राज्यपाल थे जो कि उपराष्ट्रपति बने थे लेकिन कोविंद प्रदेश के पहले राज्यपाल हैं जो कि सीधे राष्ट्रपति बने।
उन्होंने कोविंद की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास उनकी बहुत अच्छी यादें हैं और हम लोग हमेशा उन्हें बिहारी मानते हैं।’’
समारोह के कार्यक्रम के अनुसार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पहले कार्यक्रम को संबोधित करना था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुए।
तेजस्वी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने बुधवार को हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति के आगमन पर उनका स्वागत और अभिवादन किया था। कुशेश्वरस्थान में प्रतिबद्धताओं के कारण, जहां उपचुनाव के लिए प्रचार चल रहा है, मैं विधानसभा में समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगा।’’
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