तोशिबा वाटर सॉल्यूशंस बिहार में जलमल शोधन संयंत्र लगाएगी
8/5/2021 12:05:06 AM
पटना, चार अगस्त (भाषा) तोशिबा वाटर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीडब्लूएस) बिहार में गंगा नदी के किनारे 300 करोड़ रूपये से अधिक की लागत वाले जलमल शोधन संयंत्र लगाने के लिए एक अनुबंध किया है ।
जापनी कंपनी तोशिबा इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स एंड सॉल्यूशंस कॉरपोरेशन (टीआईएसएस) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टीडब्लूएस ने एक पंप स्टेशन सहित जलमल शोधन संयंत्र के निर्माण और उसके संचालन एवं रखरखाव की एक परियोजना पर बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीयूआईडीसीओ) के साथ एक अनुबंध किया है। यह सीवेज निर्माण परियोजना गंगा को साफ करने के भारत सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है।
कंपनी द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस परियोजना में गंगा के किनारे स्थित हाजीपुर शहर में जलमल शोधन संयंत्र का निर्माण करने के अलावा इसका 15 वर्ष तक परिचालन और रखरखाव करने का अनुबंध है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि गंगा के किनारे के जलमल शोधन संयंत्रों में प्रतिदिन नदी में छोड़े गए जलमल के केवल एक हिस्से को साफ करने की क्षमता है। चूँकि गंगा का और इसके किनारे के पर्यावरण में सुधार करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसके लिए भारत सरकार ने 2015 में नदी को साफ करने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा किया। सरकार की कार्य योजना में योगदान करते हुए टीडब्लूएस ने बिहार में एक, उत्तर प्रदेश में दो और झारखंड में एक जल मल शोधन संयंत्र का निर्माण किया है।
वर्तमान में टीडब्ल्यूएस बिहार में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण कर रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जापनी कंपनी तोशिबा इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स एंड सॉल्यूशंस कॉरपोरेशन (टीआईएसएस) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टीडब्लूएस ने एक पंप स्टेशन सहित जलमल शोधन संयंत्र के निर्माण और उसके संचालन एवं रखरखाव की एक परियोजना पर बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीयूआईडीसीओ) के साथ एक अनुबंध किया है। यह सीवेज निर्माण परियोजना गंगा को साफ करने के भारत सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है।
कंपनी द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस परियोजना में गंगा के किनारे स्थित हाजीपुर शहर में जलमल शोधन संयंत्र का निर्माण करने के अलावा इसका 15 वर्ष तक परिचालन और रखरखाव करने का अनुबंध है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि गंगा के किनारे के जलमल शोधन संयंत्रों में प्रतिदिन नदी में छोड़े गए जलमल के केवल एक हिस्से को साफ करने की क्षमता है। चूँकि गंगा का और इसके किनारे के पर्यावरण में सुधार करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसके लिए भारत सरकार ने 2015 में नदी को साफ करने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा किया। सरकार की कार्य योजना में योगदान करते हुए टीडब्लूएस ने बिहार में एक, उत्तर प्रदेश में दो और झारखंड में एक जल मल शोधन संयंत्र का निर्माण किया है।
वर्तमान में टीडब्ल्यूएस बिहार में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण कर रहा है।
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