CM नीतीश के समक्ष जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा खेल विभाग का प्रस्तुतीकरण

3/14/2024 4:36:43 PM

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा खेल विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में जल संसाधन विभाग के तहत जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत अधिशेष नदी जल को जल की कमी वाले क्षेत्रों में ले जाने संबंधित योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया। 



विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने पटना शहर के लिए पेयजल योजना के साथ-साथ औरंगाबाद, डिहरी, अरवल, सासाराम, जहानाबाद, भभुआ, मोहनिया एवं अचौरा पर्वत (कैमूर जिला) पर पेयजल उपलब्ध कराने की योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नदी के जल को बाढ़ की अवधि (जुलाई से अक्टूबर) के बीच उद्वह का कार्य किया जाएगा और इस 4 माह में नदी के जल उद्वड के साथ पेयजल का वितरण करते हुए शेष 8 माह की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भंडारित किया जाएगा। 



इस योजना के लिए भू-अर्जन कम-से-कम किया जाएगा। दक्षिण बिहार के इन शहरों में भूगर्भ जल स्तर में गिरावट हो रही है। भविष्य में जनसंख्या वृद्धि एवं औद्योगिक विकास के कारण भूगर्भ पर अत्यधिक दबाव पड़ने की आशंका है। इन परिस्थितियों के निराकरण हेतु नदियों के जल का बेहतर तरीके से प्रबंधन करते हुए इस जल का उपयोग पेयजल की आपूर्ति के उद्देश्य से किया जाएगा। बैठक में खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रमंडलीय मुख्यालयों के आसपास खेल का एक स्टेडियम बनाए जाने, खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किए जाने तथा खेल को बढ़ावा देने संबंधित योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। 



मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया गया है। जल-जीवन-हरियाली का मतलब है जल और हरियाली है तभी सभी का जीवन सुरक्षित है। गंगाजल आपूर्ति योजना के अंतर्गत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा शहरों में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और भूगर्भ जल के स्तर में गिरावट को देखते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत विभिन्न नदियों के अधिशेष जल का बरसात माह में भंडारण कर उसे शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराए जाने की योजना पर काम किया जाएगा। 

Content Writer

Ramanjot