पटना HC ने बाढ़ की समस्या के समाधान के दिए निर्देश, जल संसाधन मंत्री बोले- ये फैसला ऐतिहासिक

2/11/2023 2:33:22 PM

पटना: उत्तर बिहार में बाढ़ की सदियों पुरानी समस्या और आजादी के बाद सात दशक से जारी उदासीनता के समाधान का मार्ग प्रशस्त करने के लिहाज से एक ऐतिहासिक एवं पथप्रदर्शक फैसले में पटना हाईकोर्ट ने कोसी विकास प्राधिकरण के गठन के साथ ही समयबद्ध तरीके से इस संकट के समाधान के उपायों और संसाधनों की पहचान करने का आदेश दिया है।



ये फैसला ऐतिहासिकः जल संसाधन मंत्री 
बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह ऐसा निर्णय है, जो हमारी नदियों के प्रवाह मार्ग को बदल देगा और इस संदर्भ में सात दशक बरती जा रही उदासीनता को हमेशा के लिए ठीक कर देगा। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक, कोसी विकास प्राधिकरण, जिसमें बिहार सरकार, भारत सरकार, नेपाल सरकार एवं अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, को समयबद्ध तरीके से बाढ़ से संबंधित जटिल मुद्दों को हल करने के लिए काम करना होगा। संजय कुमार झा ने कहा कि उत्तर बिहार में कोसी नदी की बाढ़ से तबाही सदियों से एक बड़ी समस्या बनी हुई है। आजादी के बाद भी, पिछले सात दशकों में इसने जान-माल का भारी नुकसान किया है, बड़ी आबादी के लिए हर साल परेशानियां खड़ी की है और राज्य के खजाने पर भारी दबाव डाला है।



"प्रशासनिक सुस्ती के कारण इस समस्या का नहीं हो पाया है समाधान" 
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सात दशक पहले, वर्ष 1950 में ही, सभी ने यह महसूस किया था कि भारत-नेपाल सीमा पर एक हाई डैम की आवश्यकता है, ताकि विनाशकारी बाढ़ के कारण लोगों को होने वाली परेशानियों को कम किया जा सके। लेकिन, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी व उदासीनता, कूटनीतिक विफलता और प्रशासनिक सुस्ती के कारण इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली पटना उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने फैसले के माध्यम से न केवल लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया है, बल्कि सभी हितधारकों- बिहार सरकार, भारत सरकार, नेपाल सरकार एवं अन्य एजेंसियों- के लिए एक ठोस फ्रेमवर्क भी प्रदान किया है और कहा है कि बाढ़ से होने वाली तबाही के संकट को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करें।



संजय कुमार झा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का यह फैसला उतना ही ऐतिहासिक है, जितना 2002 में सुप्रीम कोर्ट का नदियों को आपस में जोड़ने का फैसला, जिसने बार-बार आने वाली बाढ़ और सूखे की समस्या के समाधान के लिए मार्ग प्रशस्त किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने नदियों को आपस में जोड़ने पर काम शुरू करने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया था। इसके बाद, 2012 में सर्वोच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में नदियों को आपस में जोड़ने के कार्य को राष्ट्रीय एजेंडे पर लाया गया और NWDA को इसका कार्य सौंपा गया।

"ये फैसला बाढ़ के डर को समाप्त करने का करेगा मार्ग प्रशस्त" 
संजय कुमार झा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का फैसला प्रभावी होने पर कोसी नदी की 2008 जैसी विनाशकारी बाढ़ इतिहास की बात हो जाएगी, जिसने एक बड़े इलाके को बर्बाद कर दिया था, सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी और बड़ी आबादी की आजीविका छीन ली थी। उन्होंने कहा कि यह फैसला कोसी नदी के किनारे बसी बड़ी आबादी के मन से बाढ़ का डर हमेशा के लिए समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

Content Editor

Swati Sharma