पटना HC ने नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर लगाई रोक, 6 जुलाई को होगी सुनवाई

7/5/2022 11:44:56 AM

पटनाः पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजीव नगर के नेपाली नगर इलाके में अवैध ढांचों को गिराने पर अंतरिम रोक लगा दी और जिला प्रशासन को इस संबंध में छह जुलाई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। 

HC ने अभियान पर लगाई रोक 
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा, ‘‘नेपाली नगर इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन से सभी अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। हाईकोर्ट का आदेश आने तक इस क्षेत्र ‘‘अतिक्रमण मुक्त'' को हाउसिंग बोर्ड को सौंप दिया गया। यह जमीन हाउसिंग बोर्ड की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने बोर्ड से इस क्षेत्र को जितना जल्द हो सके,उतना जल्दी घेरने का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय ने अभियान पर रोक लगा दी है और संबंधित प्राधिकरण को छह जुलाई तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन सुनवाई की अगली तारीख पर अपना जवाब दाखिल करेगा।'' 

समर्थकों के साथ इलाके में पहुंचे थे पप्पू यादव 
जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के दौरान कल हिंसक घटनाओं के बाद प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लगा दी। सोमवार को क्षेत्र में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ इलाके में पहुंचे थे और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया था। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत हटा दिया।'' उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक इलाके में तोड़फोड़ अभियान को रोकने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज किए हैं। उनके अनुसार यादव और उनके समर्थकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

नेपाली नगर इलाके में भू माफिया काफी सक्रिय 
सोमवार को तोड़फोड़ अभियान के दौरान स्थानीय निवासियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। प्रदर्शनकारियों के पथराव में नगर पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल और दो अन्य सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे। जिलाधिकारी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘नेपाली नगर इलाके में भू माफिया काफी सक्रिय हैं। उन्होंने (माफिया) पहले नेपाली नगर क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा किया और उसके बाद धोखे से वे उन्हें खरीदारों को बेचने लगे। उन्होंने कई बार क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने अदालतों का भी दरवाजा खटखटाया था ताकि वे अवैध निर्माण को गिराने से रोक सकें। इस क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाने का अदालत का निर्देश था।''

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Ramanjot