Bihar Sports Club Formation:‘क्‍लब संस्‍कृति’ को जिंदा करने की कोशिश में सरकार! 7467 पंचायतों में हुआ ‘ऐसे क्‍लब’ का गठन

Monday, Aug 25, 2025-08:43 AM (IST)

पटना:बिहार के गांव अब सिर्फ खेती-किसानी और परंपरागत जीवनशैली नहीं होगी, बल्कि ‘क्‍लिबिंग’ भी होगी। चौक गए न आप! हम वैसे वाले क्‍लब की बात नहीं कर रहे जैसी आपके मन में तस्‍वीर बनी होगी। दरअसल, बिहार सरकार सीएम नीतीश कुमार के विजन के आधार पर ‘खेल क्‍लब’ की कल्‍पना कर रही है। ये ऐसा क्‍लब होगा, जहां खिलाड़ी एकट्ठा होंगे, खेलों पर चर्चा करेंगे, युवा किसी न किसी खेल से खुद को जोड़ेंगे और उस खेल में ही करियर बनाने पर बात करेंगे। 

ऐसा होगा ‘खेल क्‍लब’

खेल विभाग के अनुसार इन क्लबों के जरिए 14 से 45 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को संगठित किया जा रहा है। उन्हें अलग-अलग खेल गतिविधियों में मौका देने के साथ ही ग्रामीण स्तर पर ही प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। हर पंचायत और हर स्टेडियम में योग्य प्रशिक्षकों की तैनाती शुरू हो चुकी है ताकि प्रतिभाओं को गांव से ही तराशकर जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जा सके।

7467 खेल क्लब का गठन पूरा

इसके लिए बिहार के 8053 ग्राम पंचायतों में खेल क्‍लब का गठन किया जा रहा है। इनसे 7467 में खेल क्लब का गठन हो भी चुका है। यही नहीं, 154 नगर पंचायतों में से 140 में भी यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जो बिहार में ग्रामीण खेलों को नई पहचान देने के लिए महत्‍वपूर्ण साबित होने वाला है। इससे गांव का माहौल और मिजाज दोनों बदलेगा और खेलों को भी पहचान मिलेगी।

बाकी बचे खेल क्‍लब का काम जल्‍द पूरा करने का निर्देश

खेल विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने साफ कहा कि जिन पंचायतों में क्लब गठन का काम बाकी है, उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही जहां पदाधिकारी का पद रिक्त है, उनकी सूची तुरंत उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया है।

इसलिए की जा रही खेल क्‍लब की स्‍थापना

दरअसल, नीतीश कुमार का विजन साफ है। खेल के गांवों से ही प्रतिभा निकलती है। इस लिए खेल को गांव-गांव तक पहुंचा कर ही नई प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है। बिहार में खेल सस्‍कृति खत्‍म हो चुकी थी। जिसे एक बार फिर से जीवित करने की कोशिश की जा रही है। जो केवल खेलों तक सीमित नहीं होगा, यह गांव की सामाजिक संरचना और युवा शक्ति को भी नई दिशा देने का भी काम करेगा। खेल के जरिए गांवों में एकजुटता, अनुशासन और आत्मविश्वास का भी संचार होगा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static