वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहा विपक्ष: सम्राट चौधरी
Friday, Aug 09, 2024-11:31 AM (IST)
पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति के तहत कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पाटिर्यां वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रही है। उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया है।
सम्राट चौधरी ने जदयू के इस बयान का भी स्वागत किया, जिसमें कहा गया है कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं बल्कि एक निरंकुश संस्था को कानून में बांधने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि वक्फ बोर्ड की जितनी भी परिसम्पत्तियां हैं उससे सिर्फ 163 करोड़ की ही आमदनी होती है। यदि वक्फ परिसम्पत्तियों का उचित तरीके से रखरखाव किया गया होता तो इससे 12 हजार करोड़ रुपए सलाना आय अर्जित हुई होती।
"वर्ष 2013 में भी इस अधिनियम में किया गया था बदलाव"
भाजपा नेता ने कहा कि वक्फ एक्ट की अनेक खामियों को दूर करने के लिए ही संशोधन का विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि कोई पहली बार वक्फ अधिनियम में संशोधन नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2013 में भी इस अधिनियम में बदलाव किया गया था। चौधरी ने कहा कि वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी सम्पत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी सम्पत्ति घोषित करने की शक्ति है। जमीन पर दावे से पहले उसका सत्यापन करना होगा। इससे बोर्ड की मनमानी और मुट्ठी भर लोगों की दलाली पर रोक लगेगी।
"विपक्ष स्वार्थ में मुस्लिमों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा"
सम्राट चौधरी ने कहा कि विपक्ष स्वार्थ में मुस्लिमों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हकीकत यह है कि देश में जितना भी वक्फ बोर्ड है, उसपर माफियाओं का कब्जा हो गया है। वक्फ अधिनियम में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड को सुचारू करने एवं उसकी परिसम्पत्तियों की उचित देखभाल में सहूलियत होगी तथा उसकी अकूत सम्पत्तियों का लाभ आम और जरूरतमंद मुस्लमानों, महिलाओं और बच्चों को भी मिल पायेगा।