"One State-One RRB पॉलिसी लागू, Bihar में दो बड़े बैंकों का हुआ विलय"
Thursday, May 01, 2025-08:41 PM (IST)

पटना: 1 मई 2025 से देशभर में ग्रामीण बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने ‘एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक’ नीति के तहत 11 राज्यों में कई क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का आपसी विलय कर दिया है। बिहार भी इसमें शामिल है, जहां अब केवल एक बैंक – बिहार ग्रामीण बैंक – ही ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देगा।
बिहार के दो क्षेत्रीय बैंकों का हुआ एकीकरण
अब तक बिहार में कार्यरत दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को एकीकृत कर बिहार ग्रामीण बैंक नामक एकल इकाई बना दी गई है। इस नए बैंक का मुख्यालय पटना में स्थित रहेगा और इसका प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) होगा।
ग्राहकों के लिए सेवाएं रहेंगी पूर्ववत, बदलाव होगा क्रमिक
नई व्यवस्था में ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। खातों की सेवाएं पहले की तरह चालू रहेंगी। हालांकि, नई पासबुक, चेकबुक और खाता संख्या धीरे-धीरे जारी की जाएंगी। पुरानी सुविधाएं कुछ समय तक मान्य रहेंगी।
बढ़ेंगी सुविधाएं, तकनीक होगी ज्यादा प्रभावी
सरकार के अनुसार, इस कदम से ग्रामीण बैंकिंग ढांचे को केंद्रीकृत, आधुनिक और लागत प्रभावी बनाया जा सकेगा। बैंक की शाखाएं यथावत रहेंगी और डिजिटल बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत किया जाएगा।
देश में घटकर 28 रह गए ग्रामीण बैंक
इस विलय नीति के बाद भारत में कार्यरत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या अब 43 से घटकर 28 रह गई है। इसका उद्देश्य है ग्रामीण इलाकों में सेवा की गुणवत्ता में सुधार, क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना और प्रबंधन को सरल बनाना।
इन राज्यों में भी हुआ बड़ा बदलाव
बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में भी यह नीति लागू की गई है। हर राज्य में अब केवल एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक काम करेगा।
ग्रामीण बैंकिंग सुधार की लंबी प्रक्रिया
ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी के अनुसार, यह विलय ग्रामीण बैंकों के लंबे समय से चल रहे पुनर्गठन अभियान का हिस्सा है। 2005 में इनकी संख्या 196 थी, जो अब 28 पर सिमट चुकी है।