बिहार में तीन स्थानों पर तटबंध टूटने से नहीं हुई जान-माल की क्षति, संजय झा ने किया दावा

7/25/2020 2:34:57 PM

पटनाः बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने गोपलगंज और पूर्वी चंपारण में तीन स्थानों पर तटबंध टूटने से जान-माल की कोई क्षति नहीं होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चंपारण में गंडक नदी के चंपारण तटबंध पर एक विशाल पेड़ के उखड़ जाने से तटबंध का दायां भाग टूटा है।

संजय झा ने शुक्रवार को इन स्थलों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि पूर्वी चंपारण में संग्रामपुर प्रखंड के दक्षिणी भवानीपुर पंचायत के निहालुटोला गांव में गंडक नदी के चंपारण तटबंध पर एक विशाल पेड़ के उखड़ जाने से तटबंध का दायां भाग टूट गया है। हालांकि जांच के बाद इसके स्पष्ट कारण का पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी चंपारण में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य में लगे कार्यपालक अभियंता के फोन नहीं उठाने की शिकायत पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में नेपाल और बिहार के जलग्रहण क्षेत्र में मौसम विभाग के पूर्वानुमान से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में चार लाख 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में 19 जुलाई से 20 जुलाई के दौरान 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जिससे नदी में 80 हजार से एक लाख क्यूसेक तक पानी बढ़ गया। इस तरह नदी में कुल पांच लाख 36 हजार क्यूसेक से अधिक पानी बढ़ा।

झा ने कहा कि इस बार गंडक नदी का जलस्तर वर्ष 2017 के उच्चतम स्तर से एक फुट अधिक हो गया। नदी में इतने अधिक पानी के प्रवाह से सिपेज और पाइपिंग में काफी दिक्कतें हुई। उन्होंने कहा कि गंडक नदी के जलस्तर में जबरदस्त वृद्धि से बने दबाव के कारण गोपालगंज के बकहा और पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर समेत तीन स्थानों पर गुरुवार देर रात 35 से 40 मीटर की लंबाई में तटबंध टूट गए। हालांकि उन्होंने कहा कि तटबंध टूटने से नदी का पानी खेतों में फैल गया है, गांवों में यह पानी अधिक प्रवेश नहीं कर पाया है, जिससे जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है।


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Ramanjot

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