"नीतीश के सुशासन में आम-खास में नहीं किया जाता अंतर", मायावती के आरोपों पर ललन सिंह का जवाब

4/25/2023 4:14:40 PM

पटनाः बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन इन दिनों चर्चा में हैं। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर लिए गए सरकार के फैसले को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है। बिहार के कई नेताओं ने आनंद मोहन की रिहाई का समर्थन किया तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसका विरोध किया। वहीं मायावती के द्वारा नीतीश सरकार पर लगाए गए आरोपों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया हैं।


"नीतीश कुमार ने आम और खास के अंतर को किया समाप्त "
ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा,"आनंद मोहन की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है। पहले तो यू पी की अपनी बी टीम से विरोध करवा रही थी। बीजेपी को यह पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार के सुशासन में आम व्यक्ति और खास व्यक्ति में कोई अंतर नहीं किया जाता है। आनंद मोहन जी ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है, वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी क्योंकि खास लोगों के लिए नियम में प्रावधान किया हुआ था। नीतीश कुमार ने आम और खास के अंतर को समाप्त किया और एकरूपता लाई तब उनकी रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ। अब भाजपाइयों के पेट में न जाने दर्द क्यों होने लगा है....!"

"भाजपा का सिद्धांत ही है विरोधियों पर पालतू तोतों को लगाना"
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे लिखा," भाजपा का सिद्धांत ही है विरोधियों पर पालतू तोतों को लगाना, अपनों को बचाना और विरोधियों को फंसाना... वहीं नीतीश कुमार जी के सुशासन में न तो किसी को फंसाया जाता है न ही किसी को बचाया जाता है।" बता दें कि बिहार सरकार ने बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन किया था। संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी। वहीं इसका बड़ा लाभ आनंद मोहन को मिला, क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी। अब इसे विलोपित कर दिया गया है।

 

Content Editor

Swati Sharma