नीति आयोग के ‘गरीबी सूचकांक'' में बिहार की स्थिति को लेकर निराश हुई नीतीश सरकार

11/27/2021 12:30:15 PM

पटनाः बिहार की नीतीश कुमार नीत सरकार ने ‘गरीबी सूचकांक' पर नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य को निचले पायदान कुछ राज्यों में रखे जाने पर निराशा जताई है। गौरतलब है कि नीति आयोग की इस रिपोर्ट ने राज्य में सतत उच्च आर्थिक विकास दर के दावे को काफी हद तक झुठला दिया है। मुख्यमंत्री ने हालांकि इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। नीतीश ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें रिपोर्ट या उसकी सामग्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने बेहद संक्षिप्त जवाब दिया, ‘‘आप किस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं? मैंने उसे नहीं देखा है।'' राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार बेहद गर्व के साथ यह कहते रहे हैं कि उनके शासनकाल में बिहार की विकास दर 10 प्रतिशत से ज्यादा है और राज्य का बजट कई गुना बढ़ा है। वहीं, नीतीश के धुर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री पर निशाना साधने के लिए नया हथियार मिल गया है। बता दें कि लालू एवं उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने करीब 15 साल तक बिहार सरकार का नेतृत्व किया था 2005 में नीतीश ने राजद की सरकार को सत्ता से बाहर किया था।

राजद सुप्रीमो ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।'' कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केन्द्रीय मंत्री तारीक अनवर भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और बिहार में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा राज्य को लाभ नहीं पहुंचा सकी है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के सभी बड़े उद्योग कांग्रेस के शासन में लगाए गए थे। दुर्भाग्य की बात है कि 2000 में बंटवारे के बाद वे ज्यादातर झारखंड के हिस्से में चले गए। उसके बाद के ज्यादा वर्षों में बिहार का शासन चलाने वाले नीतीश औद्योगिकरण के मामले में कुछ भी खास नहीं कर पाए।''


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Ramanjot

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