गया में विनिर्माण क्लस्टर विकसित करने के लिए NICDC और BIADA के बीच समझौता, ‘मेक इन इंडिया'' की द्दष्टि को मिलेगी मजबूती
Wednesday, Nov 13, 2024-10:40 AM (IST)
पटना: राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गया में एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) की स्थापना के लिए राज्य समर्थन समझौते (SSA) और शेयरधारक समझौते (SHA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह क्लस्टर अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (AKIC) का हिस्सा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिनों पहले अपने भाषण में सरकार के ‘विकास भी, विरासत भी' द्दष्टिकोण पर बल दिया था। यह परियोजना उसी के अनुरूप आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ गया की सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगी, जो अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा और विरासत पर्यटन के लिए प्रसिद्ध केंद्र है।
बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी, उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष, उद्योग विभाग के प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार और एनआईसीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक (MD) रजत कुमार सैनी ने मंगलवार को गया में प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में एसएसए और एसएचए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने उम्मीद जताई कि गया आईएमसी आर्थिक विकास को गति देगा, रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करेगा और बिहार को पूर्वी भारत में एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया' की द्दष्टि को और मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि गया अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डे से 39 किलोमीटर दक्षिण में स्थित आईएमसी गया 1,670 एकड़ में फैला होगा, जिसमें 16524 करोड़ रुपये की अनुमानित निवेश क्षमता और 1339 करोड़ रुपए की परियोजना लागत होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से लगभग 109185 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, जिससे स्थानीय समुदाय को आर्थिक बढ़ावा मिलेगा। आईएमसी गया को निर्माण सामग्री, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, चमड़े के सामान, रेडीमेड वस्त्र, फर्नीचर, हथकरघा और हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग और निर्माण और चिकित्सा उपकरण सहित कई क्षेत्रों में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया जाएगा।