मोदी-नीतीश कसम किसानों की खाते हैं लेकिन दोस्ती पूंजीपतियों से निभाते हैंः कांग्रेस

9/25/2020 10:43:16 AM

पटनाः कांग्रेस ने कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को हरित क्रांति को हराने की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की घिनौनी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कसम तो किसानों की खाते हैं लेकिन दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं।

कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और पार्टी विधानमंंडल दल के नेता सदानंद सिंह की उपस्थिति में गुरुवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीन काले विधेयकों के माध्यम से किसान, खेत-मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर एवं कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर हमला बोला है। किसान-खेत मजदूर के भविष्य को रौंदकर नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके भाग्य में बदहाली और बर्बादी लिख दी है। यह किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र है।

सुरजेवाला ने कहा कि आज देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर एवं 250 से अधिक किसान संगठन इन काले विधेयकों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा-जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सरकारें सब ऐतराज दरकिनार कर देश को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान की बात सुनना तो दूर, संसद में उनके नुमाइंदों की आवाज को दबाया जा रहा है और सड़कों पर किसान-मजदूरों को लाठियों से पिटवाया जा रहा है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है। किसान विरोधी यह तजुर्बा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2006 में बिहार में शुरू किया गया था और अब घुन की तरह पूरे देश की खेती और किसानी को तीन कृषि विरोधी काले विधेयकों की शक्ल में निगल गया। उन्होंने कहा कि यदि अनाज और सब्जी मंडी व्यवस्था यानी कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा तो कृषि उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा।


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Ramanjot

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