नेहरू का बचाव करने से पहले चन्नी के बयान पर माफी मांगे मनमोहन सिंहः सुशील मोदी
2/18/2022 9:33:12 AM
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पंडित जवाहरलाल नेहरू का बचाव करने से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
सुशील मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि मौन रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अगर किसी रिमोट कंट्रोल के दबाव में पंजाब चुनाव प्रचार के बीच बोलना ही पड़ा, तो उन्हें सबसे पहले यूपी-बिहार के लोगों को घुसने न देने की मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की शर्मनाक धमकी के लिए माफी मांगनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पंजाब सदियों से बिहार-यूपी के लोगों की कर्मभूमि रहा। पटना (बिहार) में जन्मे गुरु गोविंद सिंह और काशी (यूपी) के संत रविदास ने पंजाब को आध्यात्मिक प्रकाश दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह कांग्रेस के भ्रष्टाचारों की कालीसूची से लेकर चन्नी के बयान तक का मौन समर्थन कर खुद ही अपनी गरिमा खो रहे हैं। डॉ. सिंह ने यह भी गलत कहा कि वे बोलते नहीं, काम करते थे। दरअसल, वे न बोलते थे, न काम करते थे, बल्कि सिर्फ सोनिया गांधी की बताई चुनिंदा फाइलों पर दस्तखत करते थे। मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तब कोई बयान क्यों नहीं जारी किया, जब कांग्रेस के राजकुमार ने उनकी कैबिनेट के एक फैसले की कॉपी सार्वजनिक रूप से फाड़ दी थी। क्या उनका यह मौन भारत के प्रधानमंत्री के पद का अपमान नहीं था। पीएम पद की गरिमा किसने गिराई।
Koo App१/२. पंजाब सदियों से बिहार-यूपी के लोगों की कर्मभूमि रहा। पटना (बिहार) में जन्मे गुरु गोविंद सिंह और काशी (यूपी) के संत रविदास ने पंजाब को आध्यात्मिक प्रकाश दिया। मनमोहन सिंह कांग्रेस के भ्रष्टाचारों की कालीसूची से लेकर चन्नी के बयान तक का मौन समर्थन कर खुद ही अपनी गरिमा खो रहे हैं ।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 17 Feb 2022
Koo Appविद्वान पूर्व प्रधानमंत्री बतायें कि धर्म के आधार पर भारत का बँटवारा स्वीकार करने, कश्मीर में धारा 370 लगाने और चीन से 1962 के युद्ध में पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के बजाय क्या बाद के किसी प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया जाना चाहिए? वे महंगाई, बेरोजगारी पर तो ऐसे बोल रहे हैं, जैसे 2014 से पहले वे सबको रोजगार दे चुके थे और देश में सब-कुछ सस्ता मिल रहा था।- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 17 Feb 2022
भाजपा सांसद ने कहा कि विद्वान पूर्व प्रधानमंत्री बताएं कि धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा स्वीकार करने, कश्मीर में धारा 370 लगाने और चीन से 1962 के युद्ध में पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के बजाय क्या बाद के किसी प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे महंगाई, बेरोजगारी पर तो ऐसे बोल रहे हैं, जैसे 2014 से पहले वे सबको रोजगार दे चुके थे और देश में सब-कुछ सस्ता मिल रहा था।