मांझी ने फिर दिया विवादित बयान, कहा- राम कोई भगवान नहीं थे, वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य पात्र थे

4/15/2022 2:34:35 PM

पटनाः गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानता हूं लेकिन राम को हम नहीं मानते हैं। राम कोई भगवान नहीं थे। वह गोस्वामी तुलसीदास व वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे। उक्त बातें प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जयंती व माता सबरी महोत्सव समारोह में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर ब्राह्मणों पर विवादित बयान देते हुए कहा कि जो ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं वैसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ कराना पाप है। बड़े बड़े लोग पूजा कराते हैं तो क्या वह बड़े हो गए। पूजा पाठ कराने से लोग बड़े नहीं बनते हैं। उन्होंने लोकमान्य तिलक और पंडित जवाहर लाल नेहरू की चर्चा करते हुए कहा कि अतिपिछड़ा, आदिवासी और दलित ही भारत देश के मूल निवासी है। बड़े और उच्च जाति कहलाने वाले लोग बाहरी हैं, वह हमारे देश के मूल निवासी नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे हिंदुस्तान में दो ही जाति के लोग हैं, एक अमीर और दूसरा गरीब है। अमीर का बेटा प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करता है तो गरीब का बेटा सरकारी स्कूलों में। मांझी ने न्यायपालिका में आरक्षण के साथ समान शिक्षा प्रणाली पर बल दिया। कहा कि लोग बाबा भीम राव आंबडेकर की बातों को रटते हैं लेकिन उसका सही अनुपालन नहीं करते हैं। जिस बात का नारा बाबा साहब ने दिया था, उसे आत्मसात कर आगे बढ़ने की जरूरत है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबा साहब और माता सबरी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा निवेदित की। वहीं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया।


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Ramanjot

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