पुलों के समुचित रख-रखाव के लिए बनेगी 'संधारण नीति', इंजीनियरों के कर्तव्य एवं दायित्व होंगे निर्धारित; विजय सिन्हा ने बताया पूरा प्लान

Sunday, Jan 26, 2025-12:15 PM (IST)

पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया है कि पुलों के समुचित रख-रखाव के लिये संधारण नीति बनायी जाएगी। सिन्हा की अध्यक्षता में शनिवार को पुल संधारण नीति एवं अभियंताओं के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व निर्धारण पर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग, सचिव, पथ निर्माण विभाग और सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत कोई पुल संधारण नीति नहीं है और न ही अभियंताओं को कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित है। मैंने विभागीय पदाधिकारियों को निदेशित किया था कि इस संबंध में शीघ्र ही एक पुल संधारण नीति तैयार की जाए और इस संबंध में अभियंताओं के कर्तव्य एवं दायित्व भी निर्धारित किये जाए।

'पुलों को चार भागों में बांटा गया'
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विभागीय पदाधिकारियों ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। पुल संरचना के संपूर्ण जीवनकाल के दौरान दो चरणों में इनके प्रबंधन एवं संधारण पर विचार किया जा रहा है। पुलों को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 1000 मीटर से लम्बे पुल, दूसरे भाग में 250-1000 मीटर से लम्बे पुल तीसरे भाग में 60-250 मीटर से एवं चौथें भाग में 60 मीटर से छोटे पुलों को रखा गया है। उन्होंने बताया कि पुलों के प्रमुख घटकों के वास्तविक स्थिति को दर्शाने हेतु पुलों का एक हेल्थ काडर् भी बनाया जाएगा। अतिसंवेदनशील पुलों का प्राथमिकता के आधार पर मरम्मति और आवश्यकता आधारित निर्माण का कार्य कराया जाएगा। पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि पुलों के प्रबंधन के लिये पुलों के वास्तविक स्थिति का आकलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेंसर डाटा रिर्पोट जैसे नये तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजनाओं को तय सीमा के अंतर्गत पूर्ण करने के लिये के कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्धारण भी किया जा रहा है। परियोजनाओं में विलंब के कारण समय वृद्धि एवं लागत मूल्य में वृद्धि भी होती है, इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारी निर्धारित करने का कार्य भी किया जाएगा।

सिन्हा ने कहा कि विगत वर्ष राज्य के कई जिलों में बाढ़ के समय वर्षों पूर्व निर्मित कई छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसे देखते हुए पुल संधारण नीति लागू किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। साथ ही अभियंताओं का कर्तव्य एवं दायित्व भी निर्धारित रहेगा कि वे नियमित रूप से पुलों का अनुश्रवण करते रहें। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आम जनों को सुगम यातायात उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है और विभाग इस दिशा में सतत् रूप से प्रयासरत है। 


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Content Editor

Swati Sharma

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