बिहार में बाढ़, पलायन रोकने एवं औद्योगीकरण बढ़ाने पर नेताओं ने की चर्चा, केंद्र सरकार से की ये मांग

3/31/2023 10:43:01 AM

नई दिल्ली/पटनाः  बिहार के बुद्धिजीवियों के एक प्रमुख समूह ने राज्य की विकास संबंधी चुनौतियों एवं उनके संभावित समाधान पर 3 दिनों तक गहन विचार मंथन किया और महसूस किया कि बाढ़ एवं प्रतिभाओं के पलायन को रोकने तथा औद्योगिकीकरण के लिए प्रभावी कदम तत्काल उठाने की जरूरत है।

बिहार सरकार को इस पर मिलकर करना होगा कार्य: बुद्धिजीव
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली सरकार के सहयोग से मैथिल पत्रकार ग्रुप की ओर से आईजीएनसी सभागार दिल्ली में 27-29 मार्च को आयोजित तीन दिवसीय मैथिली नाटय साहित्य महोत्सव में आए नेताओं ने बिहार में हर साल आने वाली बाढ़, दरभंगा में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देरी को लेकर चिंता जाहिर की। बुद्धिजीवियों का कहना था कि केंद्र, बिहार सरकार को इस पर मिलकर कार्य करना होगा। बाढ़ रोकने के लिए नेपाल-भारत सरकार के साथ ही बिहार सरकार की सहभागिता वाली एक त्रिपक्षीय समिति बनानी होगी। इस तरह की एक समिति दशकों से कागजों में नेपाल में चल रही है। लेकिन जमीन पर उसका कोई कार्य नहीं हो रहा है।  

बिहार-मिथिलांचल के विकास को लेकर की गई संगोष्ठी 
बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी और भारत सरकार में संयुक्त सचिव डा. एन विजय लक्ष्मी ने इस अवसर पर गणेश वंदना पर मनमोहक भरतनाटयम नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर बिहार-मिथिलांचल के विकास को लेकर एक संगोष्ठी भी की गई। इसमें प्रियंरजन, प्रभाष झा, ऋतेश पाठक, सुजीत ठाकुर, ईश्वर नाथ, राकेश कुमार, मनोज मिश्र जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे। इसका संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रहमतुल्ला ने किया। इन वक्ताओं का कहना था कि बिहार—मिथिलांचल के विकास के लिए रोजगार और उत्पाादन इकाईयों को राज्य में बढ़ाना होगा। गृह और कुटीर उदयोग को भी गति देनी होगी। विकसित प्रदेशों की तरह सिंगल विंडो सिस्टम कर इंडस्ट्री को आकर्षित करना होगा। 

"केंद्र सरकार को बाढ़ पर रोक के लिए एक प्राधिकरण बनाने की जरूरत" 
इस अवसर पर एनबीटी के संपादक सुधीर मिश्र की लघु फिल्म गूलर का फूल का विशेष प्रीमियम भी किया गया। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार को बिहार सरकार एवं नेपाल सरकार को साथ लेकर हर साल आने वाली बाढ़ पर प्रभावी रोक के लिए एक प्राधिकरण बनाने की जरूरत है। इसका निश्चित कार्यकाल हो। यहां की नदियों में बड़े बांध बनाने चाहिए। जिससे बाढ़ रूके। उन्होंने कहा कि नेपाल क्योंकि अलग देश है। ऐसे में केंद्र सरकार का आगे आना जरूरी है।       

Content Editor

Swati Sharma