लालू-नीतीश ने 15 साल पहले आनंद मोहन को सताया...अब उस पर घड़ियाली आंसू बहा रहे: अश्विनी चौबे

4/27/2023 5:01:03 PM

बक्सरः बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन आज जेल से रिहा हो गए है। वहीं आनंद मोहन की रिहाई पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिस आनंद मोहन को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 साल पहले सताया। उस पर आज घड़ियाली आंसू बहा-बहा करके क्या कर रहे हैं? मैं जानना चाहता हूं कि आनंद मोहन को किसने सजा दिलाई और सजा दिलाने में किसका योगदान रहा।

"मैं जानना चाहता हूं किसने आनंद मोहन को सजा दिलाई"
अश्विनी चौबे ने कहा कि जिस उम्र में आनंद मोहन राजनीति कर रहे थे,  उस उम्र में उनकी राजनीतिक हत्या कर दी गई। उनको जेल में डाल दिया गया। आज उस आनंद मोहन को फिर से ये लोग राजनीतिक रोटी सेकने के लिए इस प्रकार के कुंठित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि कानून को अपना काम करना चाहिए। लेकिन इन्होंने तो बिहार के कानून को भी बदल करके उसमें 27 लोगों के लिए कानून बनाया, केवल आनंद मोहन के लिए नहीं। तुष्टीकरण के तहत लालू प्रसाद के दबाव में यह सारे घृणित काम किए गए। उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि आनंद मोहन को किसने सजा दिलाया और सजा दिलाने में किनका योगदान है। ये अगर कोई है तो वह लालू और नीतीश ही हैं।

"यह महागठबंधन नहीं है, बल्कि महाठगबंधन हैं"
बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री  ने कहा कि, बिहार में हत्या बलात्कार अपराध लगातार देखने को मिलता है। जहां अपनी सत्ता भोगने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह महागठबंधन नहीं है, बल्कि महाठगबंधन है। जनता को दिग्भ्रमित करने का। जहां बिहार आज बारूद के ढेर पर है। आतंकवादियों और उग्रवादियों को साथ लेकर बिहार का पूरी तरह सत्यानाश करने वाले जंगलराज पार्ट 2 मिलकर जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं।

16 साल बाद जेल से रिहा हुए आनंद मोहन
बता दें कि बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से रिहा हो गए है। आज अहले सुबह ही उन्हें जेल से रिहाई दे दी गई। इससे पहले वह अपने बेटे की सगाई के लिए 15 दिन की पैरोल पर बाहर आए थे। 26 अप्रैल को उन्होंने पैरोल खत्म होने के बाद सरेंडर किया और पैरोल सरेंडर होते ही जेल में रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा हुई थी। वहीं आनंद मोहन की 16 साल बाद जेल से रिहाई हुई है। उनकी रिहाई के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है।

Content Editor

Swati Sharma