देवघाट, सीता कुंड सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु, फल्गु नदी के जल से किया तर्पण कर्मकांड

10/12/2023 2:55:49 PM

गया: मोक्षदायनी फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक नगरी गयाजी में चल रहे पितृपक्ष मेला के दौरान आज लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने फल्गु नदी के जल से तर्पण कर्मकांड किया। श्रद्धालु फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट, सीता कुंड सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे और पूरे विधि-विधान के साथ नदी में स्नान कर फल्गु के जल से तर्पण किया। 

ऐसी मान्यता है कि फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस संबंध में स्थानीय पुरोहित रविंद्र पाठक ने बताया कि वैसे तो यहां लोग पिंडदान करने आते हैं, जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार मोक्षदायनी फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से भी पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए पिंडदान के बाद तर्पण कर्मकांड की प्रक्रिया संपन्न कराई जाती है। सबसे ज्यादा महत्व फल्गु नदी के देवघाट पर तर्पण करने का है, क्योंकि भगवान विष्णु ने गयासुर राक्षस के सीने पर पैर रखकर उसे मुक्ति दी थी, इसलिए देवघाट पर तर्पण कर्मकांड करने से साक्षात पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें बैकुंठ वास होता है। इसीलिए फल्गु नदी को मोक्षदायनी कहा गया है। 

खासकर पितृपक्ष के महीना में तर्पण कर्मकांड का सबसे ज्यादा महत्व है। वहीं श्रद्धालु सतीश कुमार ने बताया कि अपने पिता एवं अन्य पितरों की आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहां तर्पण कर्मकांड कर रहे हैं। गयाजी का ऐसा महत्व है की फल्गु नदी के जल से तर्पण कर्मकांड करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा से तर्पण कर्मकांड किया जाए तो पितरों को बैकुंठ लोक में वास होता है और उनकी आत्मा को भी शांति मिलती है।इसी कामना के साथ यहां तर्पण कर्मकांड कर रहे हैं।

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Ramanjot