कृषि मंत्री ने गिनाईं किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं, बोले – हर परिस्थिति में सरकार साथ
Tuesday, Apr 22, 2025-07:56 PM (IST)

पटना: राज्य के किसानों की समस्याओं को सुनने और उनके निराकरण के उद्देश्य से “किसान कल्याण संवाद” कार्यक्रम का आयोजन आज बक्सर जिला में किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों से संवाद किया और राज्य व केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव कृषि विभाग, संजय कुमार अग्रवाल ने की।
कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार, युवाओं की भागीदारी, तथा योजनाओं को धरातल पर लागू करते हुए अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करना था। सिन्हा ने कहा कि यह संवाद किसानों की भागीदारी, सुझाव और सक्रिय सहयोग से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान “कृषक युवा कल्याण सम्मान” के तहत उन किसानों को सम्मानित किया गया जिन्होंने कृषि आधारित स्वरोजगार, जैविक खेती, बीज उत्पादन, मशरूम उत्पादन, और विशेष किस्म की फसल उत्पादन में अनुकरणीय कार्य किया है। इस अवसर पर उपेन्द्र सिंह (बीज उत्पादन), विनोद तिवारी (जैविक खेती), सरिता देवी (मशरूम उत्पादन), तथा कमलेश पाण्डेय (सोनाचुर चावल की खेती) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है, चाहे वह डीजल अनुदान हो या फसल क्षति अनुदान। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान, जलवायु अनुकूल खेती, बीज वितरण, प्रशिक्षण तथा ग्रामीण कृषि बाजारों के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि “किसान का कोई जाति नहीं होता, वह अन्नदाता होता है। कृषि हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।” सचिव ने बताया कि कुछ किसान एक एकड़ ज़मीन से लाखों रुपये कमा रहे हैं, वहीं कुछ अभी भी सीमित आय पर निर्भर हैं। उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण के लिए अन्य राज्यों में जाकर नवीन तकनीकों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी कि पराली प्रबंधन जिले की प्राथमिकता है और संध्या चौपाल के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। मखाना की खेती को भी जिले में बढ़ावा दिया जा रहा है।
सचिव ने यह भी बताया कि गूगल पर खेती की जानकारी अब किसान खुद साझा कर रहे हैं, और समूह में एक तरह की खेती करने पर अधिक लाभ की संभावना है। उन्होंने कहा कि सरकार, अधिकारी और किसान आपसी सहयोग से खेती को लाभकारी बना सकते हैं।
कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों से आए सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। यह कार्यक्रम न केवल संवाद का माध्यम बना, बल्कि सरकार और किसान के बीच विश्वास को और मजबूत करने का कार्य किया।