जदयू ने BJP को दी नसीहत, कहा- लेखक के बचाव में आना विचारधारा की लड़ाई का अंग हो सकता है लेकिन...

1/15/2022 7:52:50 PM

पटनाः बिहार में भाजपा ने सम्राट अशोक को लेकर लेखक दयाप्रकाश सिन्हा की सफाई के बाद इस मामले पर राजग के घटक दलों के नेताओं से बयानबाजी बंद करने की अपील की। वहीं जदयू ने इस अपील पर गौर करने की बजाय उसे नसीहत देते हुए कहा कि लेखक के बचाव में आना विचारधारा की लड़ाई का अंग हो सकता है लेकिन राजनीतिक गठबंधन का नहीं।

जदयू के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक राष्ट्रीय अस्मिता, राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह एवं भारतीयों के आत्मसम्मान से जुड़ा हुआ मसला है। पुस्तक के लेखक ने इतिहास को मिथक और मिथक को इतिहास बनाने की जो साजिश की है, उसके बचाव में आना विचारधारा की लड़ाई का अंग हो सकता है लेकिन राजनैतिक गठबंधन का नहीं। उन्होंने कहा कि ‘सम्राट अशोक नाटक' में प्रियदर्शी अशोक के लोक कल्याणकारी ऐतिहासिक छवि को खंडित कर क्रूर-कामुक, अत्याचारी और हत्यारा वाली मिथकीय छवि में परिवर्तित किया गया है। यह इतिहास को मिथक और मिथक को इतिहास बनाने का सुनियोजित प्रयास है।

नीरज कुमार ने सम्राट अशोक पर आधारित नाट्य की भूमिका की पृष्ठ संख्या-25 का हवाला देते हुए बताया कि इसमें कहा गया है, 'कामाशोक, चंडाशोक और धम्माशोक एक के बाद एक नहीं आए। वे तीनों उसके शरीर में एक साथ, लगातार, जीवनपर्यन्त जीवित रहे। वह कामाशोक केवल नवायु में ही नहीं था। देवी के बाद उसके अन्त:पुर में पांच सौ स्त्रियां, फिर उसकी घोषित पत्नियां-असंधमित्ता, पद्मावती और कारुवाकी! फिर वृद्धावस्था में तिष्यरक्षिता! वह आजीवन काम से मुक्ति नहीं पा सका।'

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Ramanjot