महागठबंधन से नाता तोड़ सकते हैं कुशवाहा, कार्यकर्ताओं से बोले- अब फैसला लेने का वक्त आ गया

9/24/2020 2:39:14 PM

पटनाः बिहार महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे और सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि आज उसने राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि महागठबंधन में पार्टी को सम्मान नहीं मिल रहा है। अब वक्त आ गया है कि हम फैसला लें। उन्होंने कहा कि आगे की लड़ाई कैसे लड़नी है सभी राय दें।

रालोसपा के प्रधान महासचिव माधवानंद ने बुधवार को कहा था कि सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की नीयत ठीक नहीं है। चुनाव की तिथि की घोषणा किसी समय हो सकती है लेकिन अभी तक महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रालोसपा महागठबंधन से अलग होती है तो इसकी जिम्मेवारी कांग्रेस और राजद की होगी।

वहीं उपेंद्र कुशवाहा रालोसपा के कार्यकारी उपाध्यक्ष कामरान को राजद में शामिल कराए जाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि राजद ने अपने सहयोगी दल को तोड़कर गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है। रालोसपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए 35 सीटों की मांग की थी और इसके लिए कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से दो बार और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भी उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। बताया जाता है कि राजद रालोसपा को 10-12 सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है।

इस बीच रालोसपा प्रवक्ता धीरज कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव राजद के मुख्यमंत्री के चेहरा हैं महागठबंधन के नहीं। महागठबंधन में अभी मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं हुआ है। महागठबंधन में इस पद के लिए सबसे योग्य चेहरा उपेंद्र कुशवाहा हैं। उनका नाम बिहार के बड़े नेताओं में लिया जाता है। उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव भी है और उन्होंने बिहार के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री के पद का भी त्याग किया है।

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