कोरोना का सायाः गया का ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर भी किया गया बंद
1/7/2022 2:11:04 PM
गयाः कोरोना के तीसरे लहर में संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के तहत शहर का ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर को भी बंद कर दिया गया है।
बिहार सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के तहत गुरुवार से सूबे के तमाम धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए हैं। इसी के तहत गया शहर का ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर को भी बंद कर दिया गया है। हालांकि, इस समय श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होती है। देश के कोने-कोने से सनातन धर्मावलंबी हिंदी कैलेंडर के इस पूष माह में काफी संख्या में गया पहुंचते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान एवं तर्पण करते हैं।
स्थानीय पुरोहित छोटू बारिक का कहना है कि तीसरे लहर को देखते हुए धार्मिक स्थल बंद करने का जो गाइडलाइन सरकार ने जारी किया है, उसे हम पूरी तरह समर्थन देते हैं। लेकिन यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिन्हें कोरोना गाइडलाइन को फॉलो करते हुए पिंडदान और श्राद्ध कर्म की करने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से मांग हैं कि जो तीर्थयात्री अपने घर से निकल चुके हैं उन्हें रास्ते में ना रोका जाए। मंदिर के बाहर और अन्य स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का अनुसरण करते हुए पंडा समाज पिंडदान प्रक्रिया संपन्न कराएगा। उन्होंने कहा कि रात्रि कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है, रात्रि में ऐसे भी सड़कों पर सन्नाटा रहता है।
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Koo App𝐂𝐎𝐕𝐈𝐃-𝟏𝟗: 𝐌𝐲𝐭𝐡 𝐯𝐬. 𝐅𝐚𝐜𝐭𝐬 ➡️ Media reports attributing comments to Union Health Ministry in ECI meeting of 6th Jan 2022 are Ill informed, Baseless & Misleading. Read More at : https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1788215 - Ministry of Health & Family Welfare, Govt of India (@mohfw_india) 7 Jan 2022
वहीं, उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मंदिर को खुले रखने की मांग की है। वहीं, पुरोहित मुन्ना लाल महतो का कहना है कि मंदिर बंद होने से कई लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। वर्तमान समय में ‘मिनी पितृपक्ष' चल रहा है। ऐसे में दूर-दूर से श्रद्धालु पिंडदान करने आते हैं। लेकिन मंदिर बंद रहने के कारण तीर्थ यात्रियों का आना बंद हो जाएगा। पिंडदान एवं पूजन सामग्री एवं इस व्यवसाय से जुड़े अन्य दुकानदार बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए कि मंदिर एवं पिंडदान व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करें। अन्यथा कर्ज लेकर जीवन यापन करना पड़ेगा।