आज से सावन का पावन महीना शुरू, पटना के गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
7/14/2022 1:05:28 PM
पटनाः आज से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। इसके साथ ही बिहार बोल बम के नारों के साथ गूंजने लगा है और शिवभक्तों में उत्साह एवं ऊर्जा का संचार नजर आ रहा है। आज पटना के गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई और भोलेनाथ का नाम लेकर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। वही पंडित जी का कहना है कि आज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है।
हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा। इस पूरे माह में भगवान महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि महादेव सिर्फ जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। जल अर्पित करके भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों के कष्टों का नाश कर उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं। श्रद्धालु भक्ति में सराबोर हैं। घरों में ही भोलेनाथ की भक्ति, पूजा-आराधना के साथ ॐ नम: शिवाय, हर-हर महादेव, बोलबम के जयकारे गूंजने लगे है। शिव भक्त मंदिर जाकर भगवान भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही आदि से स्नान कराकर पुष्प और बेलपत्र अर्पण कर रहे हैं।
सावन के हर सोमवार में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। पहला सोमवार 18 जुलाई को होगा। सावन महीने में सोमवार के दिन को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ एवं व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं। सोमवारी व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सोमवारी व्रत किया था। सोमवार के व्रत का शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व है।
पौराणिक कथा के अनुसार, सावन में समुद्र मंथन हुआ था। सृष्टि की रक्षा हेतु मंथन से निकले विष को भगवान भोलेनाथ पी गए थे. उनका कंठ नीला पड़ गया था। इसी कारण उनका नीलकंठ नाम पड़ा। समस्त देवी-देवताओं ने शिव जी राहत पहुंचाने और विष के प्रभाव को कम करने भगवान शिव पर शीतल जल अर्पित किया। तभी से शिव जी को जल बहुत प्रिय हैं। सावन में भोलेभंडारी का जलाभिषेक करने से वे प्रसन्न होते हैं।