पिता चलाते हैं खैनी की दुकान.. खुद बच्चों को देते थे ट्यूशन, अब UPSC क्रैक कर पूरा किया सपना

9/25/2021 6:17:27 PM

नवादाः मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है... इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है बिहार के निरंजन कुमार ने, जिन्होंने UPSC की परीक्षा में 535 वां रैंक हासिल कर राज्य का मान बढ़ाया है। इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, हालांकि इस दौरान उनको कई संघर्षों से गुजरना पड़ा। 

हालातों के आगे नहीं मानी हार
दरअसल, निरंजन कुमार नवादा के पकरीबरामा बाजार के रहने वाले हैं। उनके पिता की गांव में खैनी की दुकान है और घर की हालत भी कुछ अच्छी नहीं थी। लेकिन निरंजन ने हालातों के आगे कभी हार नहीं मानी। निरंजन का नवोदय विद्यालय में चयन हुआ तो उनकी पढ़ाई का खर्च कुछ कम हुआ। यहां से 10वीं करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए वे पटना चले गए। इसी बीच पढ़ाई के लिए उन्हें पैसों की जरूरत पड़ गई। इसके लिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। 

कोचिंग लेने के लिए कई किलोमीटर चलते थे पैदल
इतना ही नहीं, अपनी कोचिंग लेने के लिए वे कई किलोमीटर पैदल चलते थे। किसी तरह 12वीं पास करने बाद उनका सेलेक्शन IIT के लिए हो गया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्हें कोल इंडिया में नौकरी मिल गई। बाद में उनकी शादी भी हो गई। इसके बावजूद उन्होंने आईएएस के लिए तैयारी जारी रखी। 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और IRS के लिए चुने गए। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। वहीं कड़ी मेहनत और लगन के बाद इस बार उन्होंने UPSC में 535 वां रैंक हासिल कर सपना पूरा किया।

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Ramanjot