भगवान को भी सता रही गर्मी...गया के इस मंदिर में 24 घंटे चलते हैं एसी व पंखे, माता तुलसी के लिए ये खास व्यवस्था

4/26/2022 2:12:12 PM

गया (अभिषेक कुमार सिंह): इन दिनों गर्मी और लू की तपिश हर किसी को सता रही है। इंसान तो इंसान भगवान भी इससे अछूते नहीं हैं। दरअसल गया के मंदिरों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है, जहां भगवान को गर्मी और लू की तपिश से बचाने के लिए एसी व पंखे की 24 घंटे सेवा दी जा रही है। ऐसा कर भगवान को गर्मी की तपिश से बचाया जा रहा है।

गया के इस्कॉन मंदिर में है राधा कृष्ण व अन्य की प्रतिमाएं
गया के इस्कॉन मंदिर में राधा-कृष्ण समेत अन्य की प्रतिमाएं हैं। इस मंदिर में भगवान को गर्मी ना लगे, इसके लिए एयर कंडीशन और पंखे लगाए गए हैं। मंदिर में कोई भी व्यक्ति न हो, फिर भी 24 घंटे भगवान को एयर कंडीशन व पंखे की सेवा दी जाती है।



माता तुलसी को बचाने के लिए जलदान
गया शहर के गेवालबिगहा मोड़ के समीप इस्कॉन मंदिर स्थित है। इस मंदिर में जहां भगवान को गर्मी और लू से बचाने के लिए एयर कंडीशनर की सुविधा है, तो वही इसी मंदिर में माता तुलसी को गर्मी से बचाने के लिए जलदान किया जा रहा है। पीतल के बर्तन से जलदान की व्यवस्था की गई है, जिससे ठंढा पानी माता तुलसी पर बूंद-बूंद से टपकता है। इस तरह से मंदिर में रहे माता तुलसी को भी गर्मी से बचाने के लिए मंदिर प्रबंधक पूरी व्यवस्था कर चुके हैं।



भगवान कृपा करके भी विग्रह रूप में आते हैं
इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्याम दास बताते हैं कि हमारे यहां मंदिर में भगवान जी के लिए एयर कंडीशनर और पंखे की सेवा दी जाती है। कहते हैं कि भगवान भी एक व्यक्ति हैं। वे प्रेम का स्वरूप हैं। उसी भाव से हम उनकी सेवा करते हैं। यह मंदिर भगवान की है, तो पहला अधिकार उन्हीं का है। भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हमलोग से प्रेम करते हैं और सेवा लेते हैं। अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्यामदास दास जी बताते हैं कि भगवान जी की सेवा करने के लिए करोड़ों लक्ष्मीयां अग्रसर रहती हैं।



ठंड के दिन में हीटर ब्लाॅजर की करते हैं व्यवस्था
बताते हैं कि ठंड के दिनों में भगवान जी के लिए भी व्यवस्था रहती है। हर मौसम के अनुसार, अलग-अलग सेवा की जाती है। ठंड में हीटर और ब्लाॅॅजर लगाए जाते हैं। गर्मी के दिनों में एयर कंडीशन और पंखे की सेवा दी जाती है। ठंडे पानी का उपयोग भगवान जी के लिए किया जाता है। बताते हैं कि भगवान जी ठंढ-गर्मी ऊपर हैं, परंतु भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हम लोग मौसम अनुकूल से ऐसी सेवा करते हैं। वही जब हम भोजन करते हैं तो उससे पहले भगवान को भोग लगाया जाता जाता है। पांचों पहर अलग-अलग तरीकों से भोग लगाया जाता है।

Content Writer

Ramanjot