समाधान यात्रा के क्रम में CM नीतीश ने मुंगेर, लखीसराय एवं शेखपुरा जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

2/7/2023 6:06:19 PM

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में मुंगेर, लखीसराय एवं शेखपुरा जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रेक्षागृह, मुंगेर में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। 



जीविका दीदी शिखा देवी ने बताया कि हम बहुत गरीबी और कठिनाई का जीवन जी रहे थे। आठवीं क्लास में पढ़ते समय ही मेरी शादी हो गई थी। मेरे बचपन के सारे अरमान टूट गए। ससुराल में भी संघर्ष की जिंदगी जी रही थी। वर्ष 2016 में जीविका से जुड़ने के बाद 15 हजार रुपए का ऋण लेकर पार्लर खोली मेरा सपना धीरे-धीरे पूरा होने लगा। इससे जो फायदा हुआ उससे मैंने श्रृंगार की एक दुकान खोली। मेरे बच्चे ठीक ढंग से पढ़ रहे हैं। बेटा-बेटी को आईएएस, आईपीएस बनाना चाहते हैं नीतीश भईया ने जो जीविका नाम का पौधा लगाया है, उसको मजबूती देंगे। नीतीश भईया को धन्यवाद देते हैं कि हमसबों को आपने आगे बढ़ाया अब हमलोग अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।



जीविका दीदी आमरीन खातून ने बताया कि मेरे पति बाहर में कमाई करते थे तब भी मेरा घर अच्छे से नहीं चल पाता था। हम जीविका समूह से जुड़े तो हमलोगों के जीवन में काफी बदलाव आया। हम सभी जीविका दीदी एक-दूसरे को मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। 5000 हजार रुपए लेकर सभी ने अपना छोटा काम शुरू किया। हमने छोटी दुकान खोली। कोरोना के दौरान हमने मास्क बनाने का काम शुरू किया जिससे हमें अच्छी आमदनी हुई। आपकी बदौलत हम सब आगे बढ़ रहे हैं। आमरीन खातून ने शराबबंदी और जीविका दीदियों के कार्यों की प्रशंसा गीत गाकर की।



आपकी बात सुनकर मुझे मन में खुशी हो रही है: CM
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। आज यहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं। आपकी बात सुनकर मुझे मन में काफी खुशी हो रही है, इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर, 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। देश भर में स्वयं सहायता समूह थे। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण 'जीविका' किया तब से आप सभी जीविका दीदी कहलाने लगीं। 



CM ने जीविका दीदी की रसोई का किया शुभारंभ 
मुख्यमंत्री ने जिला निबंधन कार्यालय परिसर में जीविका दीदी की रसोई का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने 1,596 स्वयं सहायता समूहों को 35 करोड़ रुपए का सांकेतिक चेक प्रदान किया। संवाद कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री ने जिला परियोजना समन्वयन इकाई परिसर में लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को सांकेतिक चेक प्रदान किया। 

Content Writer

Ramanjot