AES पर जोधपुर AIIMS का खुलासा- घर बनाने में खामियों के कारण बच्चों को हो रहा चमकी बुखार

12/13/2021 5:17:18 PM

 

पटनाः बिहार में चमकी बुखार पर शोध कर रही एम्स जोधपुर की टीम ने दावा करते हुए कहा कि जिन घरों में खिड़की नहीं है और ऊंचाई कम है, वहां के बच्चों को ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण एईएस हो रहा है। वहीं टीम ने आईसीएमआर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, घरों की ऊंचाई 6 से 8 फीट तक ही है। इनमें खिड़कियां भी नहीं हैं। इसलिए दिन और रात में भी बाहर के सामान्य तापमान से घर में 3 से 4 डिग्री तक तापमान अधिक हाे जाता है। दिन में जो गर्मी होती है, वह गैस ग्रीन हाउस इफेक्ट की तरह रात तक नहीं निकल पाती है। यह गैस गर्मी को ट्रैप कर लेती है। इसे ट्रैप द सनराइज कहा जाता है। लिहाजा कमरे का तापमान 4 डिग्री तक बढ़ जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया (मानव शरीर में ऊर्जा केंद्र) प्रभावित हाेने से बच्चे चमकी-बुखार से ग्रसित हो जाते हैं।

बता दें कि इस अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर तीनों प्रखंडों के 90 नए घरों में सेंसर लगेगा। जनवरी में सेंसर लगाने के लिए आईआईटी कानपुर काे आदेश दे दिया गया है। सेंसर गर्मी, हवा, नमी और अन्य आंकड़े जुटाता है, जिसकी मॉनीटरिंग जोधपुर एम्स से होती है। इसके अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट अगले साल जुलाई या अगस्त में सौंपी जाएगी।

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Nitika