ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी को लेकर दिल्ली पुलिस ने भागलपुर से महिला को किया गिरफ्तार

5/31/2021 12:18:07 PM

भागलपुरः बिहार के भागलपुर जिला के घोघा थानाक्षेत्र के पक्कीसराय गांव से दिल्ली पुलिस की साईबर सेल की एक टीम ने ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर एक महिला को गिरफ्तार किया है।

भागलपुर की वरीय पुलिस अधीक्षक नताशा गुड़िया ने रविवार को बताया कि दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा की एक टीम ने घोघा थाना क्षेत्र की सरिता देवी नामक एक महिला को गिरफ्तार किया है। मामले के जांचकर्ता दिल्ली साईबर सेल के अवर निरीक्षक कर्णवीर ने रविवार को बताया कि सरिता देवी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह, उसके पति सौदागर मंडल एवं परिवार के अन्य सदस्य एक ईंट भट्टे में मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने करीब एक माह पूर्व ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर दवा की कालाबाजारी को लेकर लाखों रुपया ठगी कर लिए जाने का एक मामला दर्ज कराया था।

शिकायतकर्ता ने कालाबाजारी करने वाले गिरोह द्वारा अपने बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करवा लिए जाने और इन सामग्रियों की आपूर्ति नहीं किए जाने का आरोप लगाया था। कर्णवीर ने बताया कि यह मामला ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर दवा की कालाबाजारी को लेकर करोडों रुपए की ठगी से जुडा है। पहले, राशि कर्नाटक स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एक खाते में ट्रांसफर हुआ और फिर वहां से बिहार में इन आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि सरिता देवी के खाते में पिछले तीन माह में करीब 90 लाख रुपए का विनिमय किया गया है जबकि उनकी बहन पिंकी देवी के खाते से करीब 44 लाख रुपए और उसके तीन अन्य परिजनों के खातों से भी रुपए का विनिमय किया गया है। केवल सरिता देवी और उनके परिवार के पांच सदस्यों के खातों में करोडों रुपए अंतरित किए गए हैं।

कर्णवीर ने बताया कि सरिता देवी से गहन पूछताछ के लिए उन्हें भागलपुर व्यवहार न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट पर लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह में करीब 20 लोग शामिल हैं तथा अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है। सरिता ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसके खाते से हुए ट्रांजैक्शन की जानकारी उसको नहीं है। उसने कहा कि पिछले एक साल से घोघा में आरओबी का काम चल रहा है जहां के मुंशी रौशन ने रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके साथ 21 लोगों के खाते अलग-अलग बैंकों में खुलवाए थे जिसका न तो पासबुक और न ही एटीएम उन्हें दिया बल्कि अपने पास रख लिया। इसके लिए सभी के आधार कार्ड और फोटो भी मुंशी के द्वारा लिया गया था। उनके नाम पर नए सिम कार्ड भी खरीदे गए थे। इन नंबरों को खाते से जोड़कर रौशन सभी सिम अपने पास रखकर खुद इस्तेमाल करने लगा था।


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Ramanjot

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