सुशील मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा लगाने के फैसले को बताया ऐतिहासिक, PM को दी बधाई

1/22/2022 9:19:21 AM

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने के फैसले को ऐतिहासिक बताया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी।

सुशील मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि स्वाधीनता के 75 वें वर्ष में दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल प्रतिमा स्थापित करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई। नेताजी की 28 फुट ऊंची प्रतिमा वहीं लगेगी, जहां आजादी के 21 साल बाद तक जार्ज पंचम की प्रतिमा लगाए रखी गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोहों की शुरुआत 24 जनवरी के बजाय अब से नेताजी की जयंती 23 जनवरी से करने का भी निर्णय किया। मोदी ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल में अभी कोई बड़ा चुनाव नहीं है, तब प्रधानमंत्री के इस निर्णय से उन लोगों को आश्चर्य होगा, जो देशभक्ति नहीं, केवल राजनीति समझते हैं।
 

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अंग्रेजों ने प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए ब्रिटिश इंडियन आर्मी के जवानों की स्मृति में इंडिया गेट पर उनके नाम अंकित कराये। 1972 में कांग्रेस सरकार ने वहाँ 1971 युद्ध के शहीदों की स्मृति में अमर जवान ज्योति जलवायी, लेकिन वहाँ शहीद सैनिकों के नाम नहीं जोड़े गए। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अब तक के सभी शहीदों को याद किया गया है।
 
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 21 Jan 2022

भाजपा सांसद ने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में विजय और बंग्लादेश बनने के बाद इंडिया गेट पर जो अमर जवान ज्योति जलाई गई थी, उसका पूरे सैनिक सम्मान के साथ वहां से मात्र 400 मीटर पर बने भव्य राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति में विलय किया गया। अब तक के सभी युद्धों में शहीद सभी भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक 'युद्ध स्मारक, एक ज्योति' की नीति का पूर्व सैनिकों ने भी स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्यवश, राहुल गांधी ज्योति विलय को 'ज्योति बुझाना' समझ रहे हैं।'

सुशील मोदी ने कहा कि अंग्रेजों ने प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए ब्रिटिश इंडियन आर्मी के जवानों की स्मृति में इंडिया गेट पर उनके नाम अंकित कराए। 1972 में कांग्रेस सरकार ने वहां 1971 युद्ध के शहीदों की स्मृति में अमर जवान ज्योति जलवायी, लेकिन वहां शहीद सैनिकों के नाम नहीं जोड़े गए। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अब तक के सभी शहीदों को याद किया गया है।

 

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Ramanjot