बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 22, BJP ने ‘‘सामूहिक हत्या'' का लगाया आरोप

Monday, Apr 17, 2023-09:04 AM (IST)

 

मोतिहारी/पटनाः बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह घटना नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ‘‘सामूहिक हत्या'' है।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने राज्य प्रशासन पर ‘‘सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े शराब माफियाओं की रक्षा करने'' का आरोप लगाया। पूर्व प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और ऐसी अन्य केंद्रीय संस्थाओं से संपर्क करेगी ताकि ‘‘जहरीली शराब त्रासदी की जांच'' की जा सके। जिला पुलिस की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार पूर्वी चंपारण जिले में अब तक 22 लोगों की संदिग्ध अवैध शराब के सेवन से मौत हो चुकी है और कम से कम 29 अन्य लोग सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न अस्पतालों में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला पुलिस ने अब तक पांच मामले दर्ज किए हैं और मामले में आगे की जांच की जा रही है। इस मामले को लेकर दो पुलिस अधिकारी एवं नौ चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है और शराब के अवैध कारोबार में शामिल 60 लोगों सहित कुल 80 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।

निलंबित किए गए 11 पुलिसकर्मियों में आरक्षी निरीक्षक शिवाजी सिंह एवं सदर अनुमंडलीय सहायक आरक्षी निरीक्षक उमेश पाठक तथा हरसिद्धि, पहाड़पुर, सुगौली, तुरकौलिया एवं रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के कुल नौ चौकीदार शामिल हैं। शिवाजी सिंह और उमेश पाठक शराब रोधी कार्य बल (एएलटीएफ) के प्रभारी के रूप में तैनात थे। नाम नहीं छापने की शर्त पर जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।'' पुलिस ने पिछले 24 घंटे के दौरान जिला मुख्यालय मोतिहारी के विभिन्न हिस्सों में 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकली शराब और अन्य संबंधित रसायनों को भी जब्त किया है, जिसमें 370 लीटर देसी शराब और 50 लीटर कच्चा स्प्रीट बरामद किया गया है तथा 1150 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट किया गया है। इस बीच, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर राज्य में ‘‘शराब माफिया'' को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा ने इस घटना को राज्य सरकार द्वारा ‘‘सामूहिक हत्या'' करार दिया।

Bihar Vijay Kumar Sinha Elected As Legislative Party Leader Of BJP | Bihar  Politics: बिहार में BJP की भूमिहारों को साधने की कोशिश? विजय सिन्हा बने  विधानसभा में नेता विपक्ष

पार्टी ने यह भी कहा कि वह जल्द एनएचआरसी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से इस घटना की पूरी जांच के लिए संपर्क करेगी। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘मैंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ सुगौली और पहाड़पुर का दौरा किया। ये वो गांव हैं, जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं। हमने पाया कि शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या को जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा छुपाया जा रहा है। कुछ जगहों पर पुलिस द्वारा मामले दर्ज नहीं किए गए क्योंकि पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सका। यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य प्रायोजित ‘‘सामूहिक हत्याकांड'' है।'' सिन्हा ने सुगौली में मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘राज्य सरकार और उसके अधिकारी त्रासदी में मरने वालों की संख्या को छुपाने में लगे हुए हैं। इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि जिले के अधिकारी शराब के सेवन से लगातार हो रही मौत की घटनाओं को ठीक से दर्ज करने और रिपोर्ट करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार शराब माफियाओं का बचाव कर रही है क्योंकि वे जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े हैं।''

जायसवाल ने सिन्हा की बात का किया समर्थन
पूर्व प्रदेश भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने सिन्हा की बात का समर्थन करते हुए पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह राज्य सरकार द्वारा एक सामूहिक हत्या है। हमें पता चला है कि जहरीली शराब के सेवन से परिवार के सदस्यों की मौत होने पर भी प्रभावित परिवारों ने पुलिस को सूचित करने से बचने की कोशिश की। यह अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट करने के कानूनी परिणामों के कथित डर के कारण हुआ क्योंकि अधिकांश मृतक अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं।'' उन्होंने कहा कि हम विस्तृत जांच के लिए एनएचआरसी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संपर्क करेंगे।

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल कोरोना संक्रमित - bjp bihar state  president sanjay jaiswal corona positive - AajTak

जायसवाल ने कहा कि दिसंबर 2022 में सारण में हुई जहरीली शराब त्रासदी की जांच करने वाले एनएचआरसी ने निष्कर्ष निकाला था कि राज्य सरकार ने आंकड़े छिपाने की कोशिश की थी। विपक्ष ने सारण जिले में दिसंबर 2022 में हुई जहरीली शराब त्रासदी में करीब सौ लोगों के मरने की बात कही थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पिछले साल 13-16 दिसंबर को इस त्रासदी में 42 लोगों की मौत के राज्य सरकार के दावे को खारिज कर दिया था और राज्य सरकार के अधिकारियों को मरने वालों की संख्या छुपाने का दोषी ठहराते हुए कहा था कि त्रासदी में कम से कम 77 लोगों की मौत हुई है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने अप्रैल 2016 में ही राज्य में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था। शराब तस्करों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान के बावजूद राज्य में शराब की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Related News

static