CM नीतीश ने बिहार कारा उद्योग के ब्रांड "मुक्ति" का किया अनावरण, बंदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी भी देखी
Tuesday, Oct 03, 2023-03:54 PM (IST)

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार कारा उद्योग के ब्रांड "मुक्ति" का अनावरण सरदार पटेल भवन, पटना स्थित संग्रहालय में किया गया एवं कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय के सौजन्य से बंदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी भी मुख्यमंत्री को दिखाई गई। मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रधान सचिव दीपक कुमार अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, डॉ. एस सिद्धार्थ एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
शीर्षत कपिल अशोक, भा.प्र.से कारा महानिरीक्षक, कारा एवं सुधार सेवाएं द्वारा बताया गया कि राज्य की 08 केन्द्रीय काराओं एवं 02 मंडल काराओं में कारा उद्योग संचालित है एवं आज इस शुभ अवसर पर बिहार कारा उद्योग में बंदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों को "मुक्ति" ब्रांड के नाम से पहचान दी जा रही है जिसमें लगभग 300 विभिन्न प्रकार की सामग्रियों जैसे-मसाला, सत्तू, ब्रेड, हर्बल चाय, सूती वस्त्र, खादी वस्त्र, काष्ठ उद्योग, हस्तशिल्प, मुद्रण सामग्री, चप्पल, होम केयर, इत्यादि संबंधी सामग्रियों का उत्पादन उच्च गुणवत्ता में किया जा रहा है। साथ ही निर्मित सामग्रियों की पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कारा महानिरीक्षक द्वारा बताया गया कि राज्य में 33 मंडल काराओं एवं 17 उप काराओं में भी One Prison One Product के तहत हर एक कारा में कारा उद्योग अधिष्ठापित करने की योजना प्रस्तावित है एवं कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रदर्शनी में आदर्श केन्द्रीय कारा, बेऊर, पटना, केन्द्रीय कारा, बक्सर, केन्द्रीय कारा, मोतिहारी, शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा, मुजफ्फरपुर, शहीद जुब्बा सहनी केन्द्रीय कारा, भागलपुर, विशेष केन्द्रीय कारा, भागलपुर, केन्द्रीय कारा, गया, शिविर मंडल कारा, फुलवारीशरीफ एवं मंडल कारा, छपरा से बंदियों द्वारा निर्मित विभिन्न सामग्रियों प्रदर्शित की गई।
बिहार सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप बिहार कारा उद्योग सश्रम सजावार बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यरत हैं तथा इच्छुक विचाराधीन बंदियों को इसके माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कारा निरूद्धता के पश्चात आत्मनिर्भर बनाने का अवसर प्रदान करता है। बिहार कारा उद्योग का मूल उद्देश्य बंदियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना एवं कारा मुक्ति के पश्चात समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। प्रदर्शनी के दौरान विशेष केन्द्रीय कारा, भागलपुर में बंदी द्वारा निर्मित हस्तशील्प मुख्यमंत्री को भेंट स्वरूप दी गई।