LJP में टूट के जिम्मेदार ठहराए गए चिराग के साथी सौरभ का इमोशनल वार, शेयर की रामविलास की पुरानी चिट्ठ

6/21/2021 5:21:52 PM

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में छिड़ा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने जब 4 सांसदों के साथ मिलकर गुटबंदी की तो उन्होंने चिराग के करीबी और उनके सियासी रणनीतिकार सौरभ पांडेय को इसका जिम्मेदार ठहराया था।

वाराणसी के रहने वाले सौरभ पांडेय पिछले कई सालों से चिराग के साथ हैं। हालांकि जिस समय लोजपा में बगावत हुई, उस वक्त सौरभ पांडेय दिल्ली में मौजूद नहीं थे। लेकिन वह अगले ही दिन दिल्ली पहुंचे और अब चिराग पासवान के साथ हैं। पारस गुट ने लोजपा में दो फूट के लिए सौरभ पांडेय को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सौरभ ने चिराग का बेड़ागर्क कर दिया है।

वहीं अब सौरभ पांडेय ने एक पत्र के जरिए पारस गुट द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब दिया है। सौरभ पांडेय ने चिराग पासवान के पिता स्व. रामविलास पासवान की एक पुरानी चिट्ठी को सोशल मीडिया पर साझा किया है। यह चिट्ठी रामविलास पासवान ने 1 जनवरी 2020 को नए साल की शुभकामना देते हुए उन्हें लिखी थी। सौरभ ने चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा, "जिसने मेहनत देखी है अब वो हैं नहीं, जिसने पार्टी को आगे बढ़ाने की जिद्द देखी है अब वो हैं नहीं। आइए हम सब चिराग के नेतृत्व में चलें।


अगर बात करें, चिट्ठी की तो उसे पढ़कर यह पता चलता है कि रामविलास पासवान सौरभ पांडेय को अपने बेटे की तरह ही मानते थे। उन्होंने चिट्ठी में इस बात का जिक्र भी किया है। लेटर की शुरुआत में ही लिखा है कि सौरभ को मम्मी और पापा की तरफ से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। चिराग की सफलता के पीछे का श्रेय भी उन्हें ही देते थे। लेटर लिखते वक्त रामविलास पासवान ने माना कि चिराग जिस शिखर पर हैं, वो आसान नहीं था। सौरभ को चिराग का भाई बताते हुए उन्होंने लिखा कि दोनों भाइयों ने पिछले 6 साल में काफी मेहनत की। करोड़ों में सौरभ जैसा दोस्त मिलता है। उन्होंने सौरभ से यह भी कहा कि अभी मंजिल दूर है, जिसमें दो पड़ाव हैं। एक बिहार का और दूसरा देश का और इन दोनों लक्ष्य को प्राप्त करना है। अंत में उन्होंने लिखा कि जब तुम परेशान होते हो तो चिराग भी तुम्हारे लिए परेशान रहते हैं।

 

Content Writer

Ramanjot